Covid-19 Effect: 1929 की महामंदी के बाद सबसे बुरे हालातों में इकोनॉमी, 170 से अधिक देशों में प्रति व्यक्ति आय घटेगी

IMF anticipates worst economic growth fallout since Great Depression
Covid-19 Effect: 1929 की महामंदी के बाद सबसे बुरे हालातों में इकोनॉमी, 170 से अधिक देशों में प्रति व्यक्ति आय घटेगी
Covid-19 Effect: 1929 की महामंदी के बाद सबसे बुरे हालातों में इकोनॉमी, 170 से अधिक देशों में प्रति व्यक्ति आय घटेगी

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। नोवल कोरोनोवायरस महामारी से वैश्विक अर्थव्यवस्था गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। कुछ विशेषज्ञों ने वर्तमान संकट की तुलना साल 1929 में आई महामंदी (ग्रेट डिप्रेशन) के साथ करना शुरू कर दिया है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने अनुमान जताया है कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 1930 के दशक की महामंदी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी। आईएमएफ की निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने कहा कि 2020 में दुनिया के 170 से अधिक देशों में प्रति व्यक्ति आय घटेगी। जॉर्जिवा ने अगले हफ्ते होने जा रही आईएमएफ और विश्व बैंक की मीटिंग से पहले एक संबोधन में ये बयान दिया।

दुनिया ने ऐसा संकट कभी नहीं देखा
जॉर्जिवा ने कहा, "आज दुनिया ऐेसे संकट से जूझ रही है जो उसने पहले कभी नहीं देखा था। कोविड-19 ने हमारी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को काफी तेजी से खराब किया है। ऐसा हमने पहले कभी नहीं देखा था।"  उन्होंने कहा, "इस वायरस से लोगों की जान जा रही है, और इससे लड़ने के लिए आवश्यक लॉकडाउन ने अरबों लोगों को प्रभावित किया है। कुछ सप्ताह पहले सब सामान्य था। बच्चे स्कूल जा रहे थे, लोग काम पर जा रहे थे, हम परिवार और दोस्तों के साथ थे। लेकिन आज यह सब करने में जोखिम है।" जॉर्जिवा ने कहा कि "यह साफ हो चुका है कि 2020 में वैश्विक वृद्धि दर में जोरदार गिरावट आएगी। हमारा अनुमान है कि हम महामंदी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट देखेंगे।"

लॉकडाउन से दुनिया की इकोनॉमी को नुकसान
जॉर्जिवा ने कहा "महज तीन महीने पहले, हमारा अनुमान था कि हमारे 160 सदस्य देशों में 2020 में प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी। अब सब कुछ बदल गया है। अब 170 से अधिक देशों में प्रति व्यक्ति आय घटने का अनुमान है।" आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि "इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया हैं, जिससे दुनिया की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है। विशेषरूप से खुदरा, होटल, परिवहन और पर्यटन क्षेत्र इससे प्रभावित हुए हैं।" उन्होंने कहा कि "ज्यादातर देशों में अधिकांश श्रमिक या तो स्वरोजगार में लगे हैं या लघु एवं मझोले उपक्रमों में कार्यरत हैं। इस संकट से ऐसी कंपनियां और श्रमिक सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।" जॉर्जिवा ने कहा कि इन सबके बीच एक अच्छी खबर यह है कि सभी सरकारें कदम उठा रही हैं। सभी के बीच बेहतरीन समन्वय देखने को मिल रहा है। 

क्या है महामंदी?
महामंदी एक बड़ा आर्थिक संकट था जो 1929 में संयुक्त राज्य अमेरिका में शुरू हुआ और 1939 तक दुनिया भर में इसका प्रभाव पड़ा। 24 अक्टूबर 1929 के दिन को "ब्लैक थर्सडे" कहा जाता है। इसी तारीख को महामंदी के शुरू होने का दिन बताया जाता है। इस दिन न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक की कीमतें 25 फीसदी तक गिर गई थी। महामंदी के दौरान औद्योगिक उत्पादन में 47 प्रतिशत, थोक मूल्य सूचकांक 33 प्रतिशत और वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में 30 प्रतिशत तक गिरावट आ गई थी। 1929 से 1933 के बीच अमेरिका में बेरोजगारी 3.2 प्रतिशत से बढ़कर 24.9 प्रतिशत हो गई थी। ब्रिटेन में यह 1929 और 1932 के बीच 7.2 प्रतिशत से बढ़कर 15.4 प्रतिशत हो गई थी।

Created On :   10 April 2020 9:02 AM IST

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