अज्ञात योगी की पहचान मनी ट्रेल के जरिये संभव

Identification of unknown yogi possible through money trail
अज्ञात योगी की पहचान मनी ट्रेल के जरिये संभव
एनएसई अज्ञात योगी की पहचान मनी ट्रेल के जरिये संभव
हाईलाइट
  • सेबी का कहना है कि ईवाई ने चित्रा और आनंद के सिर्फ डेस्कटॉप की जांच की थी

 डिजिटल डेस्क, चेन्नई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण ने जिस अज्ञात योगी की बात की है, उसकी पहचान मनी ट्रेल यानी पैसों के आदान-प्रदान की कड़ी की जांच के जरिये की जा सकती है।

चित्रा और अज्ञात योगी के बीच ईमेल के जरिये हुई बातचीत से पता चलता है कि वह एनएसई के पूर्व समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमणियम से दक्षिणा के रूप में एक निश्चित रकम लेता था। आनंद द्वारा भेजे गये पैसों का पता लगाने से अज्ञात योगी की पहचान उजागर की जा सकती है।

चित्रा को योगी ने जो ईमेल भेजे हैं, उनसे यह भी पता चलता है कि उसका दिल्ली के पॉश इलाके वसंत विहार में एक कार्यालय है और वह चित्रा के साथ छुट्टियां मनाने विदेश जाता था।

चित्रा का कहना है कि योगी एक आध्यात्मिक शक्ति हैं और वह उनसे पिछले 20 वर्षो से व्यक्तिगत और पेशे से जुड़े मुद्दों पर राय लेती रही हैं। हालांकि अज्ञात योगी के ईमेल से चित्रा का यह दावा झूठा साबित होता है।

योगी की पहचान को लेकर ईवाई और सेबी की राय भी जुदा-जुदा है। ईवाई और डेलॉएट को एनएसई के फॉरेंसिक ऑडिट के लिये नियुक्त किया गया था। ईवाई ने 2017 में अपनी रिपोर्ट दी थी, जिसमें उसने यह संदेह व्यक्त किया था कि आनंद ही वह योगी है।

सेबी की राय योगी को लेकर ईवी की फॉरेंसिक ऑडिट के परिणाम से बिल्कुल जुदा है। सेबी के मुताबिक योगी आनंद नहीं है बल्कि वह आनंद का कोई जानकार है। सेबी ने 11 फरवरी 2022 को अपनी रिपोर्ट पेश की है।

सेबी का कहना है कि ईवाई ने चित्रा और आनंद के सिर्फ डेस्कटॉप की जांच की थी और उसने दोनों की आधिकारिक ईमेल को ही पढ़ा। एनएसई के नियम के अनुसार चित्रा और आनंद का लैपटॉप ई-कचरे के रूप में निपटा दिया गया था और दोनों की निजी ईमेल आईडी तक ईवाई की पहुंच नहीं थी।

कानून विशेषज्ञों ने आईएएनएस को कहा कि अगर आनंद को ही योगी मान लिया जाता है तो संवेदनशील तथा गोपनीय जानकारियां बाहरी व्यक्ति के साथ साझा करने का जो आरोप चित्रा पर लगा है , वह खारिज हो जायेगा।

सेबी के सर्वकालिक सदस्य अनंत बरुआ ने अपने आदेश में कहा है कि योगी आनंद नहीं है क्योंकि वह खुद ही एनएसई में शीर्ष पद पर था इसी कारण गोपनीय सूचनाओं तक उसकी पहुंच थी। ऐसी स्थिति में चित्रा उसे क्यों ईमेल के जरिये जानकारियां भेजती। चित्रा ने योगी के साथ एनएसई के पांच साल के वित्तीय अनुमान, लाभांश, एनएसई के निदेशक मंडल की बैठक का एजेंडा, कर्मचारियों की रेटिंग के बारे में सलाह आदि जानकारियां साझा की थीं।

सेबी का कहना है कि ईमेल की जांच से यह पता चलता है कि योगी आनंद का करीबी था।

सेबी ने साथ ही चित्रा के इस दावे को भी खारिज किया है कि योगी आध्यात्मिक शक्ति है क्योंकि आध्यात्मिक शक्ति को मिलने के लिये स्थान का निर्धारण नहीं करना होता है और वे अपनी मर्जी से प्रकट हो सकते हैं।

सेबी ने कहा है कि चित्रा ने बताया कि वह दिल्ली के स्वामीमलाई मंदिर में योगी से पहली बार मिली और बाद में धार्मिक स्थानों पर उनकी मुलाकातें हुई।

योगी एनएसई के निदेशक मंडल में विदेशी शेयरधारकों की प्रतिनिधि समिति का अच्छा मित्र है। सेबी ने बताया कि अज्ञात योगी ने दो मार्च 2015 को चित्रा और उसके सचिव नवाज पटेल को ईमेल भेजा था। इस ईमेल में लिखा था कि वह विदेशी शेयरधारकों की प्रतिनिधि समिति का अच्छा मित्र है और वह लाभांश के वैश्विक प्रचलन के बारे में चर्चा करना चाहता है। उसने बताया था कि वह भारत दौरे पर आया है और सात तथा आठ मार्च को दिल्ली में रहेगा। उसने चित्रा को कहा था कि वह उससे अपने वसंत विहार वाले कार्यालय में मिलेगा।

नवाज पटेल ने इस ईमेल का जवाब देते हुये कहा था कि चित्रा आठ मार्च को उससे मिलेंगी। समय और जगह को तय करने के लिये उससे संपर्क किया जायेगा।

सेबी ने इन्हीं ईमेल के आधार पर कहा है कि इससे पता चलता है कि अज्ञात योगी आध्यात्मिक शक्ति नहीं बल्कि एक इंसान है और वह आराम करने के लिये चित्रा के साथ विदेश जाता है।

सेबी ने कहा है कि चित्रा अज्ञात योगी की पहचान नहीं उजागर करना चाहती है और इसी के कारण उसने ऐसा दावा किया है कि वह आध्यात्मिक शक्ति है। सेबी के मुताबिक चित्रा ने एनएसई के समक्ष गलत और भ्रामक बयान दिया है।

(आईएएनएस)

Created On :   24 Feb 2022 9:00 PM IST

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