अगर आप पहली बार खरीद रहे हैं घर तो फॉलो करें ये पांच स्टेप्स

First-time home buyers should follow these five steps
अगर आप पहली बार खरीद रहे हैं घर तो फॉलो करें ये पांच स्टेप्स
अगर आप पहली बार खरीद रहे हैं घर तो फॉलो करें ये पांच स्टेप्स

डिजिटल डेस्क, मुंबई। संपत्ति की खरीद अक्सर हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है। इसके लिए आपको अपने फंड का मूल्यांकन करना आवश्यक है। घर खरीदने में फाइनेंस का रोल बेहद अहम है। ज्यादातर लोगों को अपनी बचत के साथ-साथ घर खरीदनें के लिए होम लोन का विकल्प चुनते हैं। लोन लेने की प्रक्रिया भी सरल हो गई है, जिस कारण अधिकांश लोगों के लिए यह विकल्प सबसे आसान साबित हो रहा हैं। फिर भी कुछ बुनियादी सिद्धांत हैं जिसको फॉलो कर आप घर खरीदने के लिए अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग कर सकते हैं।

1. अपने सभी मौजूदा ऋणों का भुगतान करें
यदि आप कर्ज में डूबे हैं, तो आप कभी भी अपनी नेट वर्थ का आकलन नहीं कर सकते हैं। किसी भी तरह के लोन का कोई भी आंशिक भुगतान आपकी क्रेडिट रेटिंग को खराब करता है और यह होम लोन की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। अपने ऋणों को पूरी तरह से चुकाने से आपको घर खरीदने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। इससे तनाव तो दूर होगा ही साथ ही साथ यह आपकी बुनियादी जरूरतों के लिए और आपकी बड़ी अचल संपत्ति की खरीद के लिए धन का आवंटन करने में आपकी मदद कर सकता है।

2. अलग-अलग फाइनेंशियल एसेट्स में करें निवेश
किसी को भी बाजार में उपलब्ध विभिन्न वित्तीय साधनों की जानकारी होना चाहिए। इससे आपको अपने पैसे का निवेश बुद्धिमानी से करने और रिटर्न का उपयोग घर की खरीद को पूरा करने में मिल सकती है। वित्तीय विशेषज्ञ हमेशा पोर्टफोलियो में विभिन्न फाइनेंशियल एसेट्स के मिश्रण को शामिल करने पर जोर देते हैं, क्योंकि इससे आपको बड़ी प्रॉपर्टी खरीदने में मदद मिलेगी। घर खरीदने का निर्णय लेने से पहले, सभी को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि अगर उन्होंने इक्विटी जैसे जोखिम भरे एसेट में अपने पैसों का निवेश किया है तो वह इसमें से कुछ हिस्सा कम जोखिम वाले एसेट में डाल दें जिसमें तरलता भी हो। वित्तीय सलाहकार राकेश नायर कहते हैं कि म्यूचुअल फंड जैसे एसेट में लोग अपने इन तरह के निवेश को ट्रांसफर कर सकते हैं।

3. अपने खर्च को ट्रैक करें
रियल एस्टेट एक महंगा निवेश है। हालांकि मॉडर्न बायर किसी भी चीज़ से समझौता नहीं करना चाहते क्योंकि वह बेस्ट चाहते हैं। ऐसे में पाई-पाई मायने रखती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि किसी भी व्यक्ति का मासिक बजट 50/30/20 के थंब रूल के आधार पर होना चाहिए। 50/30/20 थंब रूल का मतलब है कि व्यक्ति बुनियादी जरूरतों पर 50 प्रतिशत खर्च करता है जिसमें किराने का सामान, चिकित्सा व्यय आदि शामिल हैं, 30 प्रतिशत अपने और अपने परिवार के लिए, जबकि शेष 20 फीसदी की बचत होना चाहिए। यह 20 प्रतिशत आपको अपनी डाउन पेमेंट, होम लोन और किसी अन्य आपात स्थिति में मदद करेगा।

4. कैसे रखे खर्च पर कंट्रोल?
हर महीने आप अपने सैलरी अकाउंट से स्टेंडिंग इंस्ट्रकशन के जरिए सेविंग करने वाले पैसे को सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर कर लें। इससे आपको अपने खर्च को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। इससे फायदा ये होगा कि सेविंग अकाउंट में पैसा ट्रांसफर के बाद जो भी पैसा सैलरी अकाउंट में बचेगा उसे ही आप खर्च करेंगे। इसी तरह से जब आप होम लोन लें तो इस प्रोसेस को फॉलो करें। इससे आप अपनी मासिक ईएमआई का ध्यान रख पाएंगे और आप किसी भी वित्तीय गड़बड़ी से बच सकेंगे।

5. किराए और ईएमआई के बीच संतुलन बनाए रखना
जब कोई किराए के आवास में रहते हुए घर खरीदने की योजना बनाता है तो प्रॉपर प्लानिंग बेहद महत्वपूर्ण हो जाती हैं, क्योंकि होम लोन लेने के बाद आपकी ईएमआई तुरंत शुरु हो जाती है। इससे आप पर किराए और ईएमआई का दोहरा बोझ आ जाता है। इसीलिए आपको ईएमआई और किराए के बीच एक उचित संतुलन बनाए रखना होगा, ताकि एक बार जब आप नए घर का पजेशन लें, तो आप ईएमआई राशि बढ़ा सकते हैं और अपने सपनों के घर में जा सकते हैं।

Created On :   22 May 2019 6:12 PM IST

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