ऑटो सेक्टर में मंदी की मार, अशोक लेलैंड के 5-18 दिनों तक बंद रहेंगे प्लांट

After Maruti Suzuki and Hero MotoCorp, Ashok Leyland to halt production in September
ऑटो सेक्टर में मंदी की मार, अशोक लेलैंड के 5-18 दिनों तक बंद रहेंगे प्लांट
ऑटो सेक्टर में मंदी की मार, अशोक लेलैंड के 5-18 दिनों तक बंद रहेंगे प्लांट
हाईलाइट
  • अशोक लेलैंड ने अपने प्लांट्स में 5 से 18 दिन तक कामकाज बंद रखने का ऐलान किया है
  • इससे पहले मारुति और हीरो मोटोकॉर्प को भी प्लांट बंद रखने का फैसला लेना पड़ा था
  • कंपनी को ये कदम ऑटोमोबाइल क्षेत्र में मंदी के चलते उठाना पड़ा है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदुजा ग्रुप की प्रमुख फर्म अशोक लेलैंड ने सितंबर में अपने प्लांट्स में 5 से 18 दिन तक कामकाज बंद रखने का ऐलान किया है। कंपनी को ये कदम ऑटोमोबाइल क्षेत्र में मंदी के चलते उठाना पड़ा है। मंदी ने कई मैन्युफैक्चरर और कंपोनेंट सप्लायर को उत्पादन में कटौती करने और अस्थायी प्लांट बंद करने के लिए मजबूर किया है।

चेन्नई स्थित हैवी कमर्शियल प्रमुख ने सबसे ज्यादा पंतनगर (उत्तराखंड) में 18 दिनों के लिए कामकाज बंद करने का फैसला किया है। इसके अलावा अलवर (राजस्थान) में 10 दिन, भंडारा (महाराष्ट्र) में 10 दिन, एन्नोर में 16 दिन और होसुर (तमिलनाडु) के प्लांट में 5 दिन कामकाज बंद रखने का फैसला किया गया है।

पिछले महीने चेन्नई स्थित टीवीएस समूह के कंपोनेंट मेकर सुंदरम क्लेटन, ऑटोमोबाइल प्रमुख मारुति सुजुकी, और दोपहिया वाहन निर्माता हीरो मोटोकॉर्प ने बाजार मांग के अनुसार अपने प्लांट में प्रोडक्शन को बंद करने का फैसला लिया था। टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने भी कहा है कि वे बाजार की मांग के साथ प्रोडक्शन को एडजस्ट करने के लिए प्लांट को बंद कर रहे हैं।

बता दें कि अगस्त 2019 में यात्री वाहनों की बिक्री एक साल पहले इसी माह की तुलना में 31.57 प्रतिशत घटकर 1,96,524 वाहन रह गई है। पिछले साल अगस्त में 2,87,198 वाहनों की बिक्री हुई थी। साल 1997-98 के बाद पहली बार इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। घरेलू बाजार में कारों की बिक्री भी 41.09 प्रतिशत घटकर 1,15,957 रह गई जबकि एक साल पहले अगस्त में 1,96,847 कारें बिकी थी।

भारतीय आटोमोबाइल विनिर्माता सोसायटी (सियाम) की ओर से सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार लगातार दसवें महीने अगस्त में यात्री वाहनों की बिक्री कम हुई है। 21 साल बाद वाहनों की बिक्री में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है।

पिछले हफ्ते हुई एक कॉन्फ्रेंस में ऑटो कंपनियों के प्रमुखों ने केंद्र से आग्रह किया था कि वह सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा था, सुस्त मांग के कारण सैकड़ों हजारों लोगों की नौकरियां चली गईं है।

इसके बाद सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि सरकार इस क्षेत्र में मदद करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा था कि वित्त मंत्रालय से पेट्रोल, डीजल और हाइब्रिड वाहनों पर करों में कटौती पर विचार करने के लिए कहा गया है।

Created On :   9 Sept 2019 7:06 PM IST

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