किसी सुपरहिट एल्बम या फिल्म सॉन्ग से नहीं, एड जिंगल्स से कैलाश खेर ने की थी कॅरियर की शुरुआत
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। संगीत की दुनिया के महारथी कैलाश खेर का जन्म 7 जुलाई, 1973 को मेरठ में हुआ था। बचपन से ही उनके घर में संगीत का माहौल था। उनके पिता संगीत में मग्न थे और हल्के फुल्के गानें गाते थे। अपने पिता को देखते हुए कैलाश के मन में संगीत के प्रति रुचि जागरुक हुई। आज कैलाश के जन्मदिन पर जानते हैं उनकी जिंदगी के जुड़ी खास बातें।
कैलाश खेर का संगीत का सफर काफी शानदार रहा। उन्होंने 500 से ज्यादा गाने गाए, जो 20 से भी ज्यादा भाषा में थे। साथ ही उन्हें संगीत को दिए गए योगदान के लिए पद्मश्री जैसे अवॉर्ड्स से भी सम्मानित किया जा चुका है।
अल्लाह के बंदे हंस दे के बाद उन्होंने एक से एक सुपरहिट सॉन्ग गाए। कैलाश ने इस बात का निर्णय लिया कि वे अपने बार्थडे पर हर साल नए टैलेंट को मौका देंगे। सुरफिरा, इंडियन रूट्स, एआर डिवाइन, स्पर्श और नई उड़ान जैसे एल्बम्स काफी पॉपुलर हैं।
कैलाश को पॉपुलैरिटी फिल्म वैसा भी होता है के सॉन्ग अल्लाह के बंदे हंस दे से मिली और बॉलीवुड में सिंगिंग करने के लिए उनका रास्ता खुल गया।
कैलाश ने कुमार गंधर्व, पं भीमसेन जोशी, पं हिरेंद्रनाथ मंगेसकर और नुसरत फतेह अली खान जैसी महान गायकों को सुनकर म्यूजिक सीखा है। उन्हें संगीत की तालीम सीखने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा।
जब कैलाश खेर साल 2001 में मुम्बई आए तो उनके कुछ दोस्त ऐसे थे, जो इंडस्ट्री में पहले से शामिल थे। पैसे की तंगी की वजह से उन्होंने कुछ जिंगल्स गाए, जिससे उन्हें 5000 रुपये मिले।
कैलाश ने अपने कॅरियर की शुरुआत किसी एल्बम या फिल्म के गाने के तौर पर नहीं की थी बल्कि एक एड जिंगल्स गा कर की थी। जिंगल्स में उनकी आवाज बहुत पसंद की गई। कैलाश की मेहनत और लगन ही थी कि जिंगल में गाए हुए गानों ने ही उन्हें पॉपुलर कर दिया और लोगों को एड्स में उनकी यूनीक आवाज भा गई।
Created On :   7 July 2019 3:43 AM GMT