बांग्लादेश की नई सरकार: बांग्लादेश में ये 10 लोग मिलकर चलाएंगे अंतरिम सरकार, मो. यूनुस ने तैयार की लिस्ट, स्वतंत्रता सेनानी भी बनेंगे हिस्सा
- बांग्लादेश की अंतरिम सरकार
- मोहम्मद यूनुस ने तैयार की 10 से 15 लोगों की लिस्ट
- यूनुस को मिला छात्रों का सहयोग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार बनाने की तैयारियां शुरू हो गई है। अंतरिम सरकार चलाने के लिए मोहम्मद यूनुस ने 10 से 15 लोगों की एक लिस्ट बनाई है। हालांकि, राजनीतिक दलों के साथ बातचीत के बाद इस लिस्ट को अंतिम रूप दिए जाने की खबर है। बांग्लादेश के लोकल मीडिया आउटलेट्स को दिए गए प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, राष्ट्रपति ने अपनी इच्छा जाताई है कि मोहम्मद यूनुस का सहयोग करने वालों में एक स्वतंत्रता सेनानी को भी शामिल किया जाए।
बता दें, मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है। जानकारी के मुताबिक, मोहम्मद यूनुस नोबेल प्राइज विजेता हैं। देश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन की अध्यक्षता में, राष्ट्रपति भाव में हुई बैठक के बाद इसका फैसला लिया गया है।
प्रस्ताव किया स्वीकार
जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स ने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। बैठक में आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व करने वाले छात्र नेताओं समेत 3 सेनाओं के प्रमुख भी शामिल हुए।
बांग्लादेश से लौटे 190 उच्चयोग कर्मचारी
बांग्लादेश में जारी हिंसा के चलते 190 उच्चयोग कर्मचारी वापस भारत लौट आए हैं। सभी कर्मचारी एयर इंडिया की विशेष विमान की मदद से ढाका से लौटे हैं। वहीं, आयोग के 30 कर्मचारी फिलहाल ढाका में ही मौजूद हैं।
बांग्लादेश में हिंसा क्यों
यह पहली बार नहीं है जब बांग्लादेश में आरक्षण के लेकर हिंसा भड़की हो। दरअसल, बांग्लादेश में साल 1971 के स्वतंत्रता सेनानी के परिजनों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है। दशकों से चल रहे इस कोटे सिस्टम को खत्म करने के मांग पर प्रदर्शनकारी अड़े हुए हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने देश में हिंसा की गंभीरता को देखते हुए आरक्षण के कोटे को कम करने का फैसला सुनाया था। मगर, देश में शांति के बजाए हिंसा चरम पर पहुंच गई। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों से लेकर पीएम आवास तक में जाकर हुड़दंग मचाना शुरू कर दिया है। इस हिंसक प्रदर्शन में अब तक 300 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।