US - China Relations: चीन के खिलाफ अमेरिका ने कसी नकेल, डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम ने बढ़ाई ड्रैगन की मुश्किलें
- चीन को लेकर डोनाल्ड ट्रंप का सख्त रुख
- ट्रंप प्रशासन में नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की नियुक्ति
- अमेरिका के फैसले से ड्रैगन की बढ़ेगी मुश्किलें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के आम चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए सत्ता में शानदार वापसी की है। वह दूसरी बार अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर चुने गए हैं। चुनाव के खत्म होने के बाद से अमेरिका को लेकर ट्रंप एक्टिव दिखाई दे रहे हैं। इस कड़ी में उन्होंने चीन को लेकर सख्त कदम उठाया है। हाल ही में ट्रंप ने चीन के खिलाफ अपनी रणनीति को सशक्त करने के लिए बड़ा एक्शन लिया है। इसके लिए उन्होंने रिपब्लिकन प्रतिनिधि माइक वाल्ट्ज को अपना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तौर पर चुना है। बता दें, वर्तमान में माइक वाल्टज अमेरिका की सेना में ग्रीन बेरेट के पद पर कार्यरत है।
माइक वाल्ट्ज बने नए NIA
बता दें,माइक वाल्ट्ज नेशन गार्ड के तौर पर कर्नल में सेवा दे चुके हैं। वाल्ट्ज को चीन का कट्टर आलोचक के तौर भी माना जाता है। उन्होंने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों के खिलाफ कई बार एक्शन लिया है। इस क्षेत्र में वाल्ट्ज शुरू से ही संभावित संघर्षों के लिए तैयार रहने की आवश्यकता पर जोर देते रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने से वाल्ट्ज का अनुभव और विशेषज्ञता ट्रंप प्रशासन की सुरक्षा नीति को नई दिशा प्रदान करने में अहम भूमिका निभा सकता है।
बता दें, अमेरिका समेत अन्य देशों में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनआईए) का पद काफी मायने रखता है। एनआईए का कर्तव्य राष्ट्रपति को सलाह देने होता है। इस पद के लिए सीनेट की पुष्टि की जरूरत नहीं पड़ती है। एनआईए पद की नियुक्ति राष्ट्रपति की पसंद के मुताबिक की जा सकती है। इस पद पर रहते हुए वाल्ट्स ट्रंप को प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर जानकारी देंगे। इसके अलावा उन्हें कई सरकारी एजेंसियों के साथ कॉर्डिनेट करने की जिम्मेदारी भी रहेगी। वाल्ट्स की नियुक्ति बतौर एनआईए ट्रंप की मजबूत रणनीति और गतिशील बनाने के प्रतिबद्धता की ओर इशारा कर रही है।
चीन को लेकर अमेरिका का सख्त रुख
ट्रंप प्रशासन में माइक वाल्ट्ज की एनआईए की नियुक्ति से साफ है कि अमेरिका चीन के खिलाफ अपनी नीति को मजूबत कर रहा है। हालांकि, अमेरिका पहले भी चीन को लेकर सख्त रुख अपना चुका है। ऐसे में अब वाल्ट्ज के नेतृत्व में मोर्चे पर और भी दबाव बनाने की उम्मीद लगाई जा रही है।
वाल्ट्ज के चीन विरोधी गतिविधियों से ट्रंप के दृष्टिकोण पहले से कई ज्यादा मजबूत हो सकता है। परिणामस्वरूप, भविष्य में अमेरिका और चीन के द्विपक्षीय रिश्तों में तल्खी देखी जा सकती है।