Jio AI: रिलायंस जियो की नई एआई स्ट्रैटेजी भारत में दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियों को देगी चुनौती

  • रिलायंस जियो ने टेक्नालॉजी के क्षेत्र में कई सारी घोषणा की
  • AI के क्षेत्र में हाल ही में बड़े बदलाव की भविष्यवाणी की है
  • 47वीं वार्षिक आम बैठक में जियो ब्रेन की घोषणा की गई थी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-03 12:15 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के नेतृत्व वाली भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी, रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक बड़े बदलाव की भविष्यवाणी की है। कंपनी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की 47वीं वार्षिक आम बैठक में जियो ब्रेन (Jio Brain) की घोषणा की है।

चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा है कि रिलायंस खुद को एक डीप टेक कंपनी में बदल रही है, उन्होंने एआई को मानव जाति के विकास में एक परिवर्तनकारी घटना बताया है। उन्‍होंने बताया कि हमारा मकसद हर व्‍यक्ति की एआई तक पहुंच आसान बनाना है, ताकि इसका उपयोग कर जीवन को सरल बनाया जा सके।

फ्री क्लाउड

जियो एआई-क्लाउड वेलकम ऑफर ऑफर की शुरुआत दीवाली से होगी। इसके तहत सभी डिजिटल कंटेंट और डेटा को सुरक्षित रूप से रखने और एक्सेस करने के लिए Jio यूजर्स को 100GB फ्री क्लाउड स्टोरेज मिलेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, जियो का यह ऑफर भारत में एंड्रॉयड और एप्पल फोन यूजर्स के बीच गूगल वन (Google One) और एप्पल (Apple) के आईक्लाउड (iCloud) के दबदबे को चुनौती दे सकता है।

आपको बता दें कि वर्तमान में गूगल वन 100 जीबी के लिए 130 रुपए और आई क्लाउड 50 जीबी के लिए 75 रुपए चार्ज करता है। वहीं इनके मुकाबले में जियो एक बहुत ही आकर्षक ऑफर लेकर आया है।

कॉल रिकॉर्डिंग

आपको बता दें कि, जियो नई कॉल रिकॉर्डिंग और ट्रांसक्रिप्शन फीचर्स भी देने वाली है। कंपनी ने जामनगर, गुजरात में एक गीगावाट (GW) स्केल एआई-रेडी डेटा सेंटर बनाने की योजना की भी घोषणा की है, जो 100% नवीकरणीय ऊर्जा पर चलेगा। पैमाने को रिलेवेंट बनाने के लिए, यह प्रोजेक्ट अकेले भारत में मौजूद 195 डेटा सेंटर को शामिल कर सकती है, जिनकी आज कंबाइन कैपेसिटी 1GW है। लेकिन इस परियोजना में आज की कंबाइन कैपेसिटी 1GW तक के निवेश की आवश्यकता हो सकती है।

रहेगी चुनौती

विशेषज्ञों के अनुसार, इस परियोजना में 25,000 करोड़ रुपए तक के निवेश की आवश्यकता हो सकती है और इसे चालू होने में तीन साल और लग सकते हैं। इसके अलावा, एआई डेटा सेंटर को नवीकरणीय ऊर्जा पर चलाना आसान नहीं होगा क्योंकि एआई सर्वर 4-5 गुना अधिक बिजली और कूलिंग की खपत करते हैं। वहीं भारत की संपूर्ण डीसी बिजली खपत में से केवल 20% ही हरित ऊर्जा है।

Tags:    

Similar News