TRAI का नया टैरिफ ढांचा, अब TV देखना होगा और भी सस्ता
TRAI का नया टैरिफ ढांचा, अब TV देखना होगा और भी सस्ता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उपभोक्ता हितों के संरक्षण के लिए TRAI (टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने केबल और प्रसारण सेवाओं के लिए नई नियामकीय रूपरेखा पेश की। इसके तहत केबल टीवी के ग्राहक कम कीमत पर अधिक चैनल देख सकेंगे। नियामक ने उपभोक्ताओं द्वारा सभी ‘फ्री टू एयर’ चैनलों के लिए दिए जाने वाले मासिक शुल्क की सीमा 160 रुपए तय कर दी है।
ट्राई ने नए नियमों में विभिन्न प्रावधानों की समीक्षा के बाद 200 चैनलों के लिए अधिकतम एनसीएफ शुल्क (कर रहित) को घटाकर 130 रुपए कर दिया है। इसके अलावा नियामक ने फैसला किया है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जिन चैनलों को अनिवार्य घोषित किया है, उन्हें एनसीएफ चैनलों की संख्या में नहीं गिना जाएगा।
ट्राई की ओर से पेश नए नियमों के अनुसार, प्रसारकों को 15 जनवरी तक अपने चैनलों की दरों में बदलाव कर 30 जनवरी तक नई रेट लिस्ट पब्लिश करनी होगी। नई दरें 1 मार्च 2020 से लागू होंगीं।
बता दें कि वर्तमान में यूजर्स को टीवी देखने के लिए दो तरह के बिल के भुगतान करना होता है। इसमें पहला एनसीएफ चार्ज और दूसरा कॉन्टेंट चार्ज है। यूजर द्वारा दिया जाने वाला कॉन्टेंट चार्ज टीवी चैनल के ब्रॉडकास्टर के खाते में जाता है।
एनसीएफ चार्ज वह चार्ज है जो चैनल दिखाने के लिए डीटीएच या केबल ऑपरेटर को दिया जाता है। इसमें 100 चैनल के लिए यूजर्स को हर महीने 153 रुपए देना ही होता है। हालांकि एनसीएफ इस बात पर भी निर्भर करता है कि यूजर ने कितने फ्री टू एयर चैनल को सब्सक्राइब किया है। इसके साथ ही a-la-carte (अलग से चुने हुए) चैनल भी अब पहले से महंगे हो गए हैं। ट्राई के नए नियम से केबल टीवी या डीटीएच सब्सक्रिप्शन के लिए ज्यादा पैसे खर्च नहीं पडेंगे।