Space X ने स्पेस टूरिज्म में रचा इतिहास, 4 आम लोगों को 3 दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजा

स्पेस टूरिज्म Space X ने स्पेस टूरिज्म में रचा इतिहास, 4 आम लोगों को 3 दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजा

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-16 06:15 GMT
हाईलाइट
  • धरती की कक्षा में जाने वाला ये पहला नॉन प्रोफेशनल एस्ट्रोनॉट्स क्रू होगा
  • स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क की अंतरिक्ष पर्यटन की दुनिया में एंट्री

डिजिटल डेस्क, फ्लोरिडा। एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी Space X का पहला आल-सिविलियन क्रू बुधवार रात अंतरिक्ष की ओर रवाना कर दिया है। पहली बार 4 आम लोगों  को अंतरिक्ष में भेजा गया है। इस मिशन को इंसपिरेशन 4 नाम दिया गया है। धरती की कक्षा में जाने वाला ये पहला नॉन प्रोफेशनल एस्ट्रोनॉट्स क्रू है।अंतरिक्ष में जाने वाले चारों यात्री ड्रैगन कैप्सूल से अंतरिक्ष में रवाना हुए हैं। ये यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से 160 किमी ऊंची उच्च कक्षा से दुनिया की परिक्रमा करते हुए अंतरिक्ष में तीन दिन गुजारेंगे। इसके बाद स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करेगा और फ्लोरिडा के तट से नीचे गिर जाएगा। 

कौन-कौन है इस मिशन का हिस्सा

 

इस मिशन की कमान 38 साल के इसाकमैन संभाल रहे हैं। इसाकमैन एक बिजनेसमैन है और पेमेंट कंपनी के फाउंडर और सीईओ हैं। उन्होंने 16 साल की उम्र में इस कंपनी की शुरुआत की थी। ब्लू ओरिजिन और वर्जिन स्पेस शिप की प्राइवेट स्पेस टूरिज्म की शुरुआत के बाद यह स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क की अंतरिक्ष पर्यटन की दुनिया में पहली एंट्री है।   

इसाकमैन के अलावा इस शानदार सफर में हेयली आर्केनो भी हैं।  29 साल की हेयली कैंसर सर्वाइवर हैं।  वे सेंट जूड चिल्ड्रन रिसर्च हॉस्पिटल में फिजिशियन असिस्टेंट हैं। मिशन को लीड कर रहे इसाकमैन ने अस्पताल को 100 मिलियन डॉलर की रकम दान देने का वादा किया है। वे इस मिशन से 100 मिलियन डॉलर और जुटाना चाहते हैं। 

इसाकमैन और हेयली  के अलावा इस सफर पर जाने वाले लोगों में अमेरिकी एयरफोर्स के पायलट रहे क्रिस सेम्ब्रोस्की और 51 साल के शॉन प्रोक्टर भी शामिल हैं।  51 साल के प्रोक्टर एरिजोना के एक कॉलेज में जियोलॉजी की प्रोफेसर हैं। हेयली अंतरिक्ष में जाने वाली सबसे कम उम्र की अमेरिकी नागरिक हैं।  

नासा के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस रिसर्च सेंटर से फाल्कन-9 रॉकेट ने उड़ान भरी। इस बार ड्रैगन कैप्सूल 357 मील यानी करीब 575 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की कक्षा में पहुंचा। 

 

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