Pranab Mukherjee Death: 'भारत रत्न' प्रणब मुखर्जी का 84 साल की उम्र में निधन, सरकार ने सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की
Pranab Mukherjee Death: 'भारत रत्न' प्रणब मुखर्जी का 84 साल की उम्र में निधन, सरकार ने सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार शाम निधन हो गया। 84 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। वो पिछले कई दिनों से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे। बीते दिनों प्रणब मुखर्जी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। खून का थक्का जमने के कारण उनकी ब्रेन सर्जरी भी हुई थी। प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी।
प्रणब मुखर्जी के निधन पर सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। पूर्व राष्ट्रपती के सम्मान में 31 अगस्त से 6 सितंबर तक राष्ट्रीय ध्वज झुका रहेगा। बता दें कि प्रणब मुखर्जी साल 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे। साल 2019 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उनका मंगलवार को दिल्ली में दोपहर 2.30 बजे लोधी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
With a Heavy Heart , this is to inform you that my father Shri #PranabMukherjee has just passed away inspite of the best efforts of Doctors of RR Hospital prayers ,duas prarthanas from people throughout India !
— Abhijit Mukherjee (@ABHIJIT_LS) August 31, 2020
I thank all of You
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-प्रणब मुखर्जी के निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, ;प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूरा देश दुखी है। वह एक स्टेट्समैन थे, जिन्होंने राजनीतिक क्षेत्र और सामाजिक क्षेत्र के हर तबके की सेवा की है। प्रणब मुखर्जी ने अपने राजनीतिक करियर के दौरान आर्थिक और सामरिक क्षेत्र में योगदान दिया। वह एक शानदार सांसद थे, जो हमेशा पूरी तैयारी के साथ जवाब देते थे।"
-राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर लिखा, "असाधारण विवेक के धनी, भारत रत्न श्री मुखर्जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम था। 5 दशक के अपने शानदार सार्वजनिक जीवन में, अनेक उच्च पदों पर आसीन रहते हुए भी वे सदैव जमीन से जुड़े रहे। अपने सौम्य और मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक क्षेत्र में वे सर्वप्रिय थे।
-कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी ट्वीट में लिखा, ‘बड़े दुख के साथ देश को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन का समाचार मिला। मैं पूरे राष्ट्र के साथ उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं।”
-रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, "प्रणब मुखर्जी को देश के हर तबके का सम्मान प्राप्त था। उनका निधन एक निजी क्षति है, जिनके पास सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्र का ज्ञान था। प्रणब मुखर्जी का जीवन बेहद साधारण था, इसी तरह उन्होंने देश की सेवा की।"
-गृह मत्री राजनाथ सिंह ने लिखा, "भारत रत्न प्रणब मुखर्जी एक शानदार नेता थे, जिन्होंने देश की सेवा की। प्रणब जी का राजनीतिक करियर पूरे देश के लिए गर्व की बात है। प्रणब मुखर्जी ने अपने जीवन में देश की सेवा की, उनके निधन के बाद देश के सार्वजनिक जीवन को बड़ी क्षति हुई है।"
11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल में हुआ था जन्म
प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूमि जिले के मिरती गांव में हुआ था। उनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रहे। वे 1952 से 1964 तक बंगाल विधायी परिषद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि रहे। प्रणब मुखर्जी ने कॉलेज प्राध्यापक के रूप में अपना करियर शुरू किया। इसके बाद वे पत्रकार भी रहे। इसके बाद उन्होंने 1969 में अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत की। इंदिरा गांधी उन्हें राजनीति में लेकर आईं।