Adani-Kenya Deal: खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहीं गौतम अडानी की मुश्किलें, पहले कंपनी के शेयरों में आई गिरावट तो अब इस देश के साथ टूटा सौदा
- खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहीं गौतम अडानी की मुश्किलें
- पहले कंपनी के शेयरों में आई गिरावट तो अब केन्या के साथ टूटा सौदा
- राष्ट्रपति विलियम रूटो ने खुद दी जानकारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अडानी ग्रुप के चेयरमैन और देश के दूसरे सबसे अमीर उद्दोगपति गौतम अडानी के उपर एक और बड़ी मुसीबत आ गई है। अडानी समूह के उपर यह बैक टू बैक दूसरा बड़ा झटका है। केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने गुरुवार को एक बहुत बड़ा ऐलान किया है। दरअसल, उन्होंने अपने देश के मुख्य हवाई अड्डे के विस्तार की योजना को रद्द कर दिया है। आपको बता दें, केन्या के इस प्रोजेक्ट के लिए अडानी ग्रुप ने भी बोली लगाई थी। इसके अलावा रूटो ने अडानी समूह के साथ 70 हजार करोड़ डॉलर से ज्यादा के बिजली लाइनों के निर्माण का सौदा भी रद्द कर दिया है।
अडानी ग्रुप के साथ यह सब तब से शुरु हुआ जब उनपर अमेरिका ने उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है। अमेरिकी अभियोजकों का कहना है कि अडानी ग्रुप ने सोलर एनर्जी कॉनट्रैक्ट हासिल करने के लिए कुछ शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर (तकरीबन 2200 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी थी। इस खबर के फैलते ही अडानी ग्रुप के शेयरों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है।
केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने अडानी ग्रुप के साथ किए सौदे को रद्द करने के मामले पर बात करते हुए कहा कि उनके ऊर्जा मंत्रालय ने पावर ट्रांसमिशन लाइनों के सेटअप के लिए अडानी समूह के एक यूनिट के साथ 700 मिलियन डॉलर से अधिक की एक डील की थी। लेकिन अब केन्या के राष्ट्रपति ने इस डील को रद्द करने का निर्देश दिया है। उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, "हमारी जांच एजेंसियों और साझेदार देशों द्वारा दी गई नई जानकारी के आधार पर यह फैसला किया है।"
हालांकि, राष्ट्रपति रूटो ने इस डील को रद्द करने के मामले में किए संबोधन के दौरान अमेरिका का नाम नहीं लिया था। इस डील के अलावा अडानी समूह केन्या के साथ एक अन्य समझौते पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में था, लेकिन अब वह भी इनके हाथ से निकल गया। इस समझौते के तहत राजधानी नैरोबी में केन्या के मुख्य हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण किया जाने वाला था। वहीं, एक और हवाई लीज और टर्मिनल का भी निर्माण किया जाना था। इसके बदले में अडानी समूह 30 सालों तक हवाई अड्डे का संचालन करने वाला था।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के लिए बता दें, भारतीय उद्दोगपति गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और छह अन्य लोगों पर अमेरिकी अधिकारियों ने भारत में एक सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट से संबंधित कथित 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। न्यूयॉर्क के एक अदालत में इसे लेकर अमेरिकी न्याय विभाग ने अपराधिक मामला तक दर्ज किया है। दायर की गई रिपोर्ट में गौतम अडानी, उनके भतीजे और अन्य छह लोगों पर महंगी सोलर एनर्जी खरीदने के लिए आंध्र प्रदेश जैसे राज्य सरकारों के अज्ञात अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है।