मणिपुर हिंसा: CRPF को लेकर CM एन बीरेन ने दिया बड़ा बयान, हिंसक घटनाओं में लोगों की हिफाजत करने के लिए कहा शुक्रिया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-22 07:03 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मणिपुर में हिंसा शुरू हुए एक साल से ज्यादा समय बीत चुका है। इसके बावजूद कई इलाकों में कुकी और मेतेई समुदाय के बीच हिंसक घटनाएं आए दिन घटित हो रही है। इस बीच राज्य में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) को लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जिरीबाम जिले में टेरर अटैक के समय सीआरपीएफ के हस्तक्षेप से कई लोगों की जान बची है।

सीआरपीएफ को किया शुक्रिया

एनडीटीवी के मुताबिक, एन बीरेन सिंह ने गुरुवार को कहा कि जिरीबाम के बोरोबेकरा में एक राहत शिविर में 10 कुकी आतंकवादियों ने घुसपैठ करने का प्रयास किया। इस शिविर में आंतरिक रूप से विस्थापित 115 लोग मौजूद थे। हालांकि, सीआरीपीएफ उनके मंसूबों को नाकाम करने में सफल रहे। इससे पहले 11 नवंबर को असम के साथ अंतरराज्यीय सीमा पर मौजूद बोरोबेकरा गांव में 10 कुकी उग्रवादियों के साथ केंद्रीय बलों के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान सीआरपीएफ का एक जवान जख्मी हो गया था।

हिंसा में दो लोगों की हुई मौत

सीएम एन बीरेन ने आगे कहा, "अगर सीआरपीएफ को तैनात नहीं किया जाता, तो कई नागरिकों की जान चली जाती। कुकी उग्रवादी रॉकेट लॉन्चर, एके 47 और कई अत्याधुनिक हथियारों के साथ आए थे। उन्होंने पुलिस शिविर पर हमला किया और दो लोगों को मौके पर ही मार डाला। वे बोरोबेकरा राहत शिविर में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जहां 115 मैतेई नागरिक रह रहे थे। लेकिन सीआरपीएफ की ओर से समय पर हस्तक्षेप किए जाने के कारण, 115 लोगों की जान बच गई। हालांकि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आठ निर्दोष लोग मारे गए।" बता दें, हाल ही में कुकी उग्रवादियों के हमले में दो लोगों की जान चली गई थी। बता दें, हाल ही में कुकी उग्रवादियों के हमले में दो लोगों की जान चली गई थी। इसके कुछ देर बाद कुकी उग्रवादियों ने तीन छोटे बच्चों समेत एक ही परिवार के छह लोगों को अगवा कर लिया था। फिर बाद में इन सभी को मौत के घाट उतार दिया गया था। इस घटना को सीएम बीरने ने असहनीय अपराध करार दिया था।

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