विवि एवं कॉलेजों के समग्र पाठ्यक्रम में एक वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया जायेगा एनसीसी (विशेष लेख)!

विवि एवं कॉलेजों के समग्र पाठ्यक्रम में एक वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया जायेगा एनसीसी (विशेष लेख)!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-22 07:51 GMT
विवि एवं कॉलेजों के समग्र पाठ्यक्रम में एक वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया जायेगा एनसीसी (विशेष लेख)!

डिजिटल डेस्क | टीकमगढ़ एनसीसी का मुख्य उद्देश्य युवाओं में सशक्त चरित्र निर्माण, कामरेडशिप, अनुशासन, धर्म-निरपेक्ष दृष्टिकोण, अत्म-विश्वास, टीम-भावना, मूल्यनिष्ठ समाज, राष्ट्र-निर्माण एवम सेवाभाव के आदर्शों को विकसित करना है। एनसीसी प्रशिक्षण का उद्देश्य युवाओं को जीवन के सभी क्षेत्रों में नेतृत्व गुणों के साथ एक संगठित, प्रशिक्षित और प्रेरित युवाओं का एक ऐसा पूल बनाना है, जो राष्ट्रसेवा एवं राष्ट्र-निर्माण में सदैव अग्रणी रहेंगे चाहे वे किसी भी कैरियर का चयन करें। साथ ही, राष्ट्रीय कैडेट कोर युवा भारतीयों को सशस्त्र बलों में शामिल होने हेतु प्रेरित करने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। एनसीसी ने 1948 से राष्ट्र-निर्माण में सतत रूप से महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

राष्ट्रीय कैडेट कोर महानिदेशालय, नई दिल्ली द्वारा भारतीय युवाओं के लिए एनसीसी के पाठ्यक्रम को एक वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल करने के लिए अनूठी पहल की है। इसके अंतर्गत अब विभिन्न विश्व-विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में एनसीसी को एक सुनियोजित पाठ्यक्रम के रूप में तैयार किया गया है जिससे स्नातक परीक्षाओं के पाठ्यक्रम में अन्य वैकल्पिक विषयों (जैसे विज्ञान, वाणिज्य, कला, विधि, संगीत, आदि) की ही तरह अब एनसीसी भी एक वैकल्पिक विषय के तौर पर उपलब्ध होगा। एनसीसी पाठ्यक्रम में कुल क्रेडिटों की संख्या 24 होगी जो कि 6 सेमिस्टर में विभाजित हैं। इसमें सामान्य विषयों के साथ मिलिट्री विषयों (आर्मी, नेवी, ऐयर फोर्स) की थ्योरी एवं प्रेक्टीकल क्लासेस ली जायेंगी तथा एक 10 दिवस का कैम्प भी होगा, जिसमे पुरी ट्रेनिंग का सार होगा। विवि व कॉलेजों के प्रोफेसर्स (ए. एन. ओ.) जहाँ सामान्य विषयों की थ्योरी क्लासेस लेंगे वहीं एनसीसी ईकाइओं के प्रशिक्षित एवं अनुभवी सैनिकग़ण (पी. आई. स्टाफ़) मिलिट्री विषयों (आर्मी, नेवी, ऐयर फोर्स) की थ्योरी क्लासेस एवं प्रेक्टीकल क्लासेस लेंगे।

इस समग्र एनसीसी पाठ्यक्रम में वार्षिक प्रशिक्षण शिविर भी शामिल हैं, जिनमें शामिल होना अनिवार्य है एवं अतिरिक्त क्रेडिट अंक भी दिये गये हैं। अब एनसीसी के पाठ्यक्रम को एक वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल करने से छात्रों को संबंधित स्नातक डिग्री/मार्क्स शीट में समग्र सी.जी.पी.ए. में एनसीसी (वैकल्पिक विषय) के क्रेडिट अंको को भी दर्शाया जा सकेगा। हाल ही में राष्ट्रीय कैडेट कोर महानिदेशालय, नई दिल्ली द्वारा यूजीसी को प्रस्ताव किया गया और प्रस्तावित समग्र नवीन एनसीसी पाठ्यक्रम भेजा गया है। फलस्वरूप यूजीसी की हरी झंडी के पश्चात यूजीसी द्वारा यह प्रस्ताव 15 अप्रैल 2021 को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भेजा गया है, जिसमें एनसीसी को उनके अंतर्गत सभी कालेजों में चल रहे स्नातक पाठ्यक्रमों में एनसीसी को भी शामिल करने के दिशा-निर्देश दिये गये हैं। महानिदेशालय द्वारा एनसीसी का नवीन पाठ्यक्रम नयी शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 एवं सामान्य वैकल्पिक क्रेडिट पाठ्यक्रम (सीबीसीएस) के अनुरूप बनाया गया है।

इससे एनसीसी को सभी कॉलेजों में चल रहे स्नातक पाठ्यक्रमों में एनसीसी को भी सुचारू रूप से वैकल्पिक विषय के तौर पर शामिल करने में सुविधा होगी। एनसीसी पाठ्यक्रम को एक वैकल्पिक विषय के तौर शामिल करने की पहल का उद्देश्य एनसीसी प्रशिक्षण को और अधिक समग्र और कौशल उन्मुख बनाना है, जिससे अंततः कैरियर की संभावनाओं को सुगम बनाया जा सके। मुख्य रूप से पाठ्यक्रम के सफल समापन पर छात्रों को क्रेडिट अंक प्रदान किए जायेंगे, जो उन्हें अपने संबंधित डिग्री के लिए अर्हता प्राप्त करने में भी सक्षम बनायेगा। इसका उद्देश्य से सभी छात्र-छत्राऔं में अनुशासन का पालन करने और उनमें देशभक्ति की भावना पैदा करने के लिए एनसीसी में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है।

यह विशेष रूप से कॉलेजों में अध्यनरत ‘बी’ एवं ‘सी’ सर्टिफिकेट परीक्षाओं में उपस्थित होने वाले कैडेटों को एक बड़ा लाभ प्रदान करेगा, जिन्हें दो से पाँच साल की प्रशिक्षण अवधि के बाद सम्मानित किया जाता है। अब छात्र-छत्राएँ उन संस्थानों में एनसीसी को एक वैकल्पिक विषय के तौर पर अपने पाठ्यक्रम में चयन कर सकेंगे। जिन संस्थानो एवं विश्वविद्यालयओं द्वारा एनसीसी पाठ्यक्रम को क वैकल्पिक विषय के तौर पर शामिल किया गया है। अब ऐसे स्नातक छात्र-छत्राओं को जिन्होनें एनसीसी क्रेडिट कोर्स (विषय) का चयन किया है, ऐसे केडेटों को बी-सी सर्टिफिकेट के साथ अपने स्नातक पाठ्यक्रम में एनसीसी के भी पूरे क्रेडिट मिलेंगे, जो वर्तमान में उन्हें नहीं मिल रहे हैं।

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