अयोध्याधाम: उपराष्ट्रपति ने कहा - पीड़ा होती है, जब कोई अज्ञानी कहता है कि राम काल्पनिक हैं
- भारत के संविधान में निहित है राम-राज्य का आदर्श
- संविधान में जो 20 से ज्यादा चित्र हैं, उनमें मौलिक अधिकारों के ऊपर राम-लक्ष्मण-सीता हैं
- संस्कृति यही कहती है कि सब मिलकर काम करो, एकजुटता से रहो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राम और राम-राज्य का आदर्श भारत के संविधान में निहित है और संविधान के निर्माताओं ने इसको पराकाष्ठा पर रखा है। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत पीड़ा होती है, जब कोई अज्ञानी, इतिहास से अनभिज्ञ हलफनामा देता है कि राम काल्पनिक हैं।
संविधान के बारे में दी जानकारी : उपराष्ट्रपति ने कहा कि संविधान में जो 20 से ज्यादा चित्र हैं, उनमें मौलिक अधिकारों के ऊपर जो ऊपर चित्र है, उसमें राम-लक्ष्मण-सीता हैं। जो लोग भगवान राम का निरादर कर रहे हैं, वास्तव में वह हमारे संविधान निर्माताओं का अनादर कर रहे हैं, जिन्होंने बहुत सोच समझकर विवेकपूर्ण तरीके से प्रभु राम के उन चित्रों को वहां रखा है। उन्होंने कहा कि समाज तभी स्वस्थ रहेगा, जब समाज के सभी अंग एक साथ रहेंगे। हमारी संस्कृति यही कहती है कि सब मिलकर काम करो, एकजुटता से रहो। धनखड़ ने कहा कि जो लोग समाज को हिस्सों में बांटना चाहते हैं, तात्कालिक राजनीतिक फायदे के लिए जहर फैलाना चाहते हैं, वे ही 35 बनाम 1 की बात करते हैं, 20 बनाम 10 की बात करते हैं।
नड्डा, शाह और राजनाथ को मिला राम मंदिर का न्यौता : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण दिया गया।
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार और मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने नड्डा, सिंह और शाह को प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण पत्र दिया। जानकारी के मुताबिक भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने निमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा कि वह अयोध्या आएंगे। अमित शाह और राजनाथ सिंह ने मंदिर निर्माण कार्य पूरा होने और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर खुशी व्यक्त की और कहा कि वे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से चर्चा करके आने व दर्शन करने की तिथि शीघ्र तय करेंगे। बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए सरकार की ओर से गणमान्यों को निमंत्रण भेजा जा रहा है। अयोध्या में अन्य किसी भी नागरिक का प्रवेश प्रतिबंधित है वहां सिर्फ निमंत्रण ही जा सकेंगे।