COA प्रमुख राय ने कहा, बोर्ड सही समय पर IPL टीमों से खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट पर बात करेगा
COA प्रमुख राय ने कहा, बोर्ड सही समय पर IPL टीमों से खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट पर बात करेगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। BCCI की प्रशासकों की समिति (COA) के प्रमुख विनोद राय ने कहा कि, IPL टीमों से खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर बोर्ड सही समय पर चर्चा करेगा। इससे पहले भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने वेस्टइंडीज सीरीज के दौरान वनडे वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट की बात कही थी। यह मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा क्रिकेट बोर्ड के कामकाज की निगरानी के लिए गठित की गई प्रशासकों की समिति (COA) और टीम प्रबंधन के बीच हैदराबाद में वेस्टइंडीज के खिलाफ अक्टूबर 2018 में हुए दूसरे टेस्ट मैच के दौरान हुई बैठक में उठा था। उस समय हालांकि इस मामले पर कोई साफ राय नहीं बनी थी।
इसे लेकर न सिर्फ खिलाड़ियों बल्कि सभी IPL फ्रेंचाइजी के बीच भी असमंजस की स्थिति बन गई थी। जिन्होंने कहा था कि BCCI ने उनसे इस तरह की कोई बात नहीं की है। COA प्रमुख विनोद राय ने सोमवार को इस असमंजस को साफ किया। उन्होंने कहा, BCCI (एक टीम के तौर पर) इस मुद्दे को देख रहा है और फ्रेंचाइजी से सही समय पर इसे लेकर बात होगी। हमारी टीम है, जो इस पर निगाह रखे हुए है।
इस मद्दे पर भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हाल ही में कहा था, कि वह ऐसी कोई वजह नहीं पाते कि खिलाड़ियों को IPL में नहीं खेलकर आराम दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था, 4 ओवर गेंदबाजी करने से आप थकेंगे नहीं। 4 ओवर आप को अपना सर्वश्रेष्ठ देने में मदद करेंगे। आप यॉर्कर डालेंगे, वैरिएशन का इस्तेमाल करेंगे और दबाव में खेलेंगे। मुझे लगता है कि गेंदबाज पूरा IPL खेल सकते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का ख्याल रखने की जरूरत है कि वे क्या खाते हैं, कब सोते हैं और कब उठते हैं। धोनी ने कहा था, जब स्किल फैक्टर की बात आती है तो मैं उन्हें उनकी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में देखना चाहता हूं। मुझे हमेशा से लगता है कि IPL शेप में आने का सही मंच है क्योंकि हमारे पास काफी समय होता है। मैं हर तीसरे दिन सिर्फ साढ़े तीन घंटे खेलता हूं और इससे मुझे जिम में समय बिताने के लिए काफी समय मिलता है।
BCCI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, इस मुद्दे पर साफ नीति की जरूरत है। उन्होंने कहा, एक खिलाड़ी को पांच-सात करोड़ रुपये मिलते हैं। वे आपके मुख्य खिलाड़ी होते हैं और अपना वर्कलोड जानते हैं। क्या यह उनका कर्तव्य नहीं है कि वे खुद इसकी जिम्मेदारी लें और फैसला करें कि क्लब पहले आता है या देश। अगर ज्यादा काम (वर्कलोड) की बात सही है और अगर काम ज्यादा है तो क्या उन्हें देश को प्राथमिकता नहीं देनी चाहिए?
वहीं इस मद्दे पर भारतीय टीम के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने हाल ही में IPL के दूसरे हाफ में वर्कलोड मैनेजमेंट की बात करते हुए कहा था, यह हमारे दिमाग में है। यह IPL के पहले हाफ का खेल होने के बाद आता है। छह-सात मैचों के बाद हमें पता चलता है कि हम आने वाले मैचों में किस तरह से जाएंगे। हमें विश्व कप के लिए भी फिट रहने की जरूरत है। यहां किसी भी चीज की गांरटी नहीं है। हां, यह चीज दिमाग में है। अगर मुझे लगता है कि मैं थका हुआ हूं तो फिर मैं आराम करना चाहूंगा। जाहिर बात है कि यह फ्रेंचाइजी पर निर्भर करता है। कुमार ने कहा, मैं आश्वस्त हूं कि वे हर खिलाड़ी का इस मामले में साथ देंगे क्योंकि वर्ल्ड कप काफी अहम है और BCCI भी उनसे बात कर सकता है।