सीएम फेस पर तकरार: वसुंधरा और शिवराज को सीएम फेस से साइड कर क्यों चुनाव लड़ रही है बीजेपी? रमन सिंह को लेकर भी संशय बरकरार
- शिवराज का बीजेपी की ओर से सीएम फेस बने रहने पर संशय बरकरार
- रमन सिंह को लेकर भी संशय बरकरार
- वसुंधरा सीएम फेस से साइड कर क्यों चुनाव लड़ रही है बीजेपी?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। करीब दो माह बाद हिंदी बेल्ट वाले मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। साथ ही, इन तीनों राज्यों में बीजेपी के दिग्गज नेताओं के भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस लिस्ट में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह का नाम शामिल हैं।
लिस्ट में शामिल वसुंधरा राजे राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। वहीं, रमन सिंह तीन बार छत्तीसगढ़ के सीएम रह चुके हैं। खास बात यह है कि इस लिस्ट में सीएम शिवराज का भी नाम शामिल हैं, जो मध्य प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री हैं। वे इससे पहले तीन बार राज्य में सीएम रह चुके हैं। लेकिन, बीजेपी ने इन तीन राज्यों में सामूहिक नेतृत्व के दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। अभी तक पार्टी की ओर से किसी भी नेता को सीएम फेस नहीं बनाया गया है।
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, बीजेपी इन राज्यों में शिवराज, वसुंधरा और रमन सिंह का विकल्प तलाशने में जुटी है। छत्तीसगढ़ की सियासत में रमन सिंह को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। पिछले माह 17 अगस्त को बीजेपी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए 21 उम्मीदवारों को पहली लिस्ट जारी की थी। लेकिन इसमें रमन सिंह का नाम शामिल नहीं था। मौजूदा समय रमन सिंह राजनांदगांव विस सीट से विधायक हैं। संभावना है कि उन्हें इस बार बीजेपी टिकट नहीं देगी। साथ ही, सस्पेंस यह भी बना हुआ है कि रमन सिंह इस बार चुनाव भी नहीं लड़ेंगे।
इधर, एमपी और राजस्थान में शिवराज सिंह और वसुंधरा राजे के सीएम फेस बने रहने को लेकर संशय बरकरार है। क्योंकि, पार्टी ने अभी तक इन दोनों राज्यों में सीएम चेहरा प्रोजेक्ट नहीं किया है। हालांकि, ये नेता राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ते नजर आएंगे। लेकिन पार्टी ने अभी तक इन्हें सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं कर रही है।
बीजेपी ने मध्य प्रदेश में 3 केंद्रीय मंत्री सहित 7 सांसद और पार्टी के महासचिव को विधानसभा के लिए चुनावी मैदान में उतार दिया है। माना जा रहा है कि पार्टी के आलाकमान राजस्थान में भी इसी फॉर्मूले पर काम कर सकती है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को पार्टी विस चुनाव के उम्मीदवार के तौर पर उतार सकती है। हाल ही में पार्टी ने राजस्थान में चुनावी टीम तैयार की थी, जिसमें वसुंधरा के खेमे वाले नेताओं को मौका नहीं मिला। इसके बाद सिसायत गर्म होने पर बीजेपी ने साफ कर दिया कि बसुंधरा राजे चुनाव प्रचार करेंगी।