नतीजों पर रार: 'तुम अध्यक्ष हो, अपने पैरों पर कब खड़े होगे', क्या सिर्फ मार्गदर्शन ही लेते रहोगे', चुनाव में करारी हार के बाद दिग्विजय सिंह के भाई ने जीतू पटवारी पर साधा निशाना

  • लोकसभा चुनाव में हार के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस में बगावत
  • अजय सिंह के बाद लक्ष्मण सिंह ने भी जीतू पटवारी पर बोला हमला
  • अपने पैरों पर खड़ा होने की दे डाली नसीहत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-08 16:59 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में अब तक का अपना सबसे बुरा प्रदर्शन किया है। नतीजों में पार्टी राज्य की एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई। इस करारी हार के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी बीजेपी के साथ ही कांग्रेस नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। एक दिन पहले ही कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय सिंह ने पार्टी आलाकमान को पटवारी के कार्यकाल की समीक्षा करने की सलाह दी थी। इसके बाद अब पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने भी जीतू पटवारी पर निशाना साधा है।

दरअसल, जीतू पटवारी शनिवार को दिल्ली में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में शामिल हुए थे। इस मीटिंग की तस्वीर अपने एक्स हैंडल पर डालते हुए उन्होंने लिखा, 'आज दिल्ली में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सम्मिलित हुआ। बैठक में श्रीमती सोनिया गांधी जी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी, जननायक श्री राहुल गांधी जी व कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी, संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल जी का विशेष मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।''

मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के इस ट्वीट का जवाब देते हुए लक्ष्मण सिंह ने लिखा, ''तुम अध्यक्ष हो, अपने पैरों पर कब खड़े होगे या "मार्ग दर्शन"ही लेते रहोगे। जिनको अपने मार्ग का पता नहीं, वो तुम्हें क्या मार्ग दर्शन देंगे?'

बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटों पर बुरी तरह हार गई है। यहां तक पार्टी अपना मजबूत किला माने जाने वाले छिंदवाड़ा को भी नहीं बचा पाई। इस निराशाजनक प्रदर्शन के लिए कांग्रेस में अंदरूनी बगावत हो गई है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इस हार के लिए राज्य के शीर्ष नेतृत्व को जिम्मेदार बता रहे हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी संगठन के कामों पर उंगली उठा चुके हैं। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर हमला बोलते हुए कहा कि जीतू पटवारी के कार्यकाल की उच्च स्तर पर समीक्षा होनी चाहिए। हाई कमान तय करे कि आगे मध्य प्रदेश के लिए किस तरह के रणनीति बने।

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