लोकसभा चुनाव 2024: आंध्र प्रदेश में गठबंधन को लेकर सस्पेंस जारी, जगन मोहन रेड्डी भी कर रहे हैं भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात
- आंध्र प्रदेश के गठबंधन प्लॉट में आया ट्विस्ट
- टीडीपी के बाद वाईएसआर भी रेस में शामिल
- भाजपा किसे बनाएगी सहयोगी पर सस्पेंस जारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश की प्रमुख विपक्ष पार्टी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) बीते कुछ दिनों से भाजपा के संपर्क में है। टीडीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पिछले कुछ समय से दिल्ली में डटे हुए हैं जहां उन्होंने अमित साह और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इन मुलाकातों के बाद कयास लगाया जा रहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और टीडीपी एक बार फिर गठबंधन में आ सकती है। पुराने सहयोगियों के साथ आने की जो खबर कंफर्म मानी जा रही थी उस पर अब सस्पेंस के बादल छा गए हैं। आंध्र प्रदेश के सत्तारूढ दल वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख नेता और मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने भी इन दिनों प्रधानमंत्री सहित भाजपा के केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।
नरेंद्र मोदी से मुलाकात
एक तरफ टीडीपी को भाजपा के साथ दोबारा गठबंधन में आने की उम्मीद है तो दूसरी तरफ वाईएसआर भी भाजपा से केंद्रीय स्तर पर मेलजोल बढाने में जुटी हुई है। भाजपा नेता और प्रधानमंत्री के साथ वाईएसआर प्रमुख जगन मोहन रेड्डी का मेलजोल देख टीडीपी का नेतृत्व कर रहे चंद्रबाबू नायडू के भी कान खड़े हो गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने से पहले जगन मोहन रेड्डी ने अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर चर्चा की थी।
किसके साथ होगी गठबंधन?
चंद्रबाबू नायडू ने जब अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की थी तो यह लगभग तय माना जा रहा था कि भाजपा और टीडीपी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एक बार फिर साथ आएगी। हालांकि, भाजपा नेताओं के साथ मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की मुलाकात ने आंध्रप्रदेश में गठबंधन के स्टेटस पर सस्पेंस डाल दिया है। वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख की मुलाकातों ने नई संभावनाओं और अटकलों को जन्म दे दिया है। 2019 लोकसभा इलेक्शन में वाईएसआर कांग्रेस ने 22 और टीडीपी ने 3 सीटें जीती थी। नंबर में वाईएसआर कांग्रेस मजबूत दिख रही है तो वहीं टीडीपी से भाजपा का पुराना नाता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा दोनों दल में से किसे अपना सहयोगी बनाती है।
भाजपा को दोतरफा फायदा
वाईएसआर कांग्रेस का रूख भाजपा की तरफ लंबे अरसे से नर्म रहा है। इसके अलावा कई विधायकों पर लोकसभा में समर्थन भी मिला है। पार्टी की स्थिति आंध्र प्रदेश में टीडीपी के तुलना में ज्यादा मजबूत है लेकिन, जानकारों के मुताबिक भाजपा ज्यादा से ज्यादा सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है। ऐसे में वाईएसआरसीपी के साथ सीट बंटवारे पर सहमति बनना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। वहीं टीडीपी सीट शेयरिंग पर ज्याद झुकने को तैयार है। भारतीय जनता पार्टी के पास दोनों ऑप्शन खुला है। भाजपा चाहे तो वाईएसआर कांग्रेस के साथ अच्छे संबंधों को बरकरार रखते हुए टीडीपी के साथ गठबंधन कर ले। दोनों दल में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करने पर भाजपा को फायदा ही है।