विपक्षी दलों के एकजुट होने की खबरों के बीच दिल्ली में कुछ नेताओं से मिलेंगी ममता, पीएम और राष्ट्रपति से भी समय मांगेंगी

विपक्षी दलों के एकजुट होने की खबरों के बीच दिल्ली में कुछ नेताओं से मिलेंगी ममता, पीएम और राष्ट्रपति से भी समय मांगेंगी

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-15 12:18 GMT
विपक्षी दलों के एकजुट होने की खबरों के बीच दिल्ली में कुछ नेताओं से मिलेंगी ममता, पीएम और राष्ट्रपति से भी समय मांगेंगी

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। केंद्र में भाजपा का मुकाबला करने के लिए विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं के एक साथ आने की राजनीतिक गलियारों में हलचल है। ऐसे में टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि वह दिल्ली जाकर कुछ नेताओं से मुलाकात करेंगी। हालांकि ममता बनर्जी ने यह नहीं बताया कि ये नेता कौन होंगे? उन्होंने ये कहा कि वह राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने का समय मांगेंगी।

ममता बनर्जी ने कहा, "मैं कोविड -19 स्थिति के कारण दिल्ली नहीं जा सकी। मैं आमतौर पर संसद सत्रों के दौरान वहां जाती हूं और नेताओं से मिलती हूं। अब जब कोविड की स्थिति में सुधार हुआ है, तो मैं दिल्ली जाऊंगी और वहां कुछ नेताओं से मिलूंगी। मैं राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री से भी समय मांगूंगी। हालांकि उनकी यात्रा के समय को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है।" इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल पर पीएम मोदी की टिप्पणी के लिए भी पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री को पता है कि उत्तर प्रदेश में क्या हो रहा है?

ममता बनर्जी ने कहा, पीएम मोदी अच्छी तरह जानते हैं कि यूपी में कानून का शासन नहीं है। उन्होंने वहां कितने आयोग भेजे हैं? हाथरस से लेकर उन्नाव तक कितनी घटनाएं हुई हैं। यहां तक ​​कि पत्रकारों को भी नहीं बख्शा गया है। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि गंगा प्रदूषित हो रही है क्योंकि इसमें कोविड-19 पीड़ितों के शव तैर रहे हैं। शव बिहार पहुंचते हैं और फिर बंगाल आते हैं। गंगा में कितने शव तैर रहे थे, यह तो यूपी सरकार ही बता सकती है। उन्होंने मृतकों को कोई सम्मान भी नहीं दिया।

इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पश्चिम बंगाल में कथित चुनाव के बाद हुई हिंसा पर कलकत्ता हाईकोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, एनएचआरसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "पश्चिम बंगाल में हिंसक घटनाओं का अनुपात-अस्थायी विस्तार पीड़ितों की दुर्दशा के प्रति राज्य सरकार की भयावह उदासीनता को दर्शाता है।" इसमें आगे कहा गया है, "यह सत्तारूढ़ पार्टी (टीएमसी) के समर्थकों द्वारा मुख्य विपक्षी दल (भाजपा) के समर्थकों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक हिंसा थी। इसके परिणामस्वरूप हजारों लोगों का जीवन और आजीविका बाधित हुई और उनका आर्थिक गला घोंट दिया गया।"

एनएचआरसी की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ममता बनर्जी ने आश्चर्य जताया कि क्या गोपनीय रिपोर्ट मीडिया में लीक हो गई है।

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