Modi B'day Special: विलक्षण कार्य शैली और दृढ़ इच्छाशक्ति ने मोदी को बनाया महानायक- नरेन्द्र सिंह तोमर
Modi B'day Special: विलक्षण कार्य शैली और दृढ़ इच्छाशक्ति ने मोदी को बनाया महानायक- नरेन्द्र सिंह तोमर
- केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दी बधाई
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 70वां जन्मदिन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पीएम मोदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए उन्हें महानायक बताया है। नरेंद्र सिंह तोमर ने मोदी सरकार के कार्यों और योजनाओं की सराहना करते हुए कहा विलक्षण कार्य शैली और दृढ़ इच्छाशक्ति ने पीएम मोदी को महानायक बनाया है।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक खास बातचीत में कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज लोकप्रियता के शिखर पर आसीन हैं। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि लोकप्रियता के मानदंड पर देश के अंदर कोई भी राजनेता उनके पासंग में भी नहीं है। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान प्रधानमंत्री के रूप में उनके खाते में अनेकानेक विशिष्ट उपलब्धियां दर्ज हैं। प्रधानमंत्री मोदी की गणना आज विश्व के चुनिंदा राष्ट्राध्यक्षों में प्रमुखता से होती है परंतु आज उनका जो यश अर्चन हो रहा है उसके पीछे दीर्घकालीन त्याग , तपस्या , संघर्ष , सेवा और समर्पण की एक लंबी कहानी है । शून्य से शिखर शिखर तक की उनकी प्रेरणादायी
उन्होंने कहा, यात्रा में न जाने कितने विषय अवरोध आए परंतु कठिन से कठिन अवरोध भी मां भारती के इस अनन्य सपूत को राष्ट्र सेवा के मार्ग से विचलित नहीं कर ।हर चुनौती का उन्होंने डटकर मुकाबला किया और निरंतर आगे बढ़ते। मार्ग के अवरोध मील के पत्थरों में बदलते चले गए। मुश्किलों पर मोदी की जीत का सिलसिला आज तक अबाध गति से जारी है इसीलिए देश की १३० करोड़ जनता ने अपने इस लाडले नेता को सिर आंखों पर बिठाया है और और अपने हृदय सम्राट को दिल की गहराइयों में जगह दी है। प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में देश वासियों का भरोसा निरंतर मजबूत हुआ है। देशवासियों का यह अटूट विश्वास ही मोदी का असली संबल और उनके राजनीतिक जीवन की अमूल्य पूंजी है। मोदी के प्रति देशवासियों का भरोसा ही स्वर्णिम भारत के सुनहरे भविष्य का उनका स्वप्न साकार करने की इच्छा शक्ति को मजबूत बनाता है। समाज की आखरी पंक्ति के आखरी छोर पर खड़े सर्वहारा व्यक्ति के चेहरे पर संतोष और खुशहाली के भाव लाना ही उनके लिए विकास के असली मायने हैं। यही उनका चरम लक्ष्य है।
महिलाओं, किसानों और युवाओं के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील हैं मोदी
प्रधानमंत्री मोदी यूं तो समाज के हर तबके की तकलीफों को दूर करने के लिए जुटे हुए हैं परन्तु समाज के कमजोर वर्गों, महिलाओं, किसानों और युवाओं के प्रति वे विशेष रूप से संवेदनशील हैं। कमजोर वर्गों के सामाजिक आर्थिक उन्नयन हेतु प्रधानमंत्री की पहल सराहनीय है। उनकी भलाई के लिए मोदी सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की है। मोदी सरकार द्वारा पहले कार्यकाल के पहले साल में ही लागू की गई जन-धन योजना इस दिशा में पहला कदम थी। जो गरीब लोग कभी बैंकों के अंदर कदम रखने में भी संकोच करते थे उन्हें जन-धन योजना के तहत बैंकों में खाता खुलवाने का अवसर प्राप्त हुआ। गरीबों को इसका सबसे बड़ा लाभ यह हुआ कि उन्हें केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत समय समय पर दी जाने वाली सहायता राशि सीधे उनके खातों में पहुंचने लगी। इस योजना ने बिचौलियों की भूमिका पर पूरी तरह से विराम लगा दिया। सरकार के खजाने से चले एक रुपए की शत प्रतिशत राशि हितग्राहियों को मिलने लगी ।
जन-धन खातों के कारण ही लॉकडाउन के दौरान गरीब तबके को सरकार की सहायता राशि के लिए यहां वहां भटकने की झंझट से मुक्ति मिली। किसानों की तकलीफों से वाकिफ प्रधानमंत्री मोदी ने किसान सम्मान निधि की योजना शुरू की जिसके साल में तीन बार उनके खाते में सहायता राशि जमा करने का सिलसिला प्रारंभ हुआ। खरीफ और रबी की मुख्य फसलों की लागत में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण किसानों को होने वाली दिक्कतों से निजात दिलाने हेतु सरकार ने उक्त फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का फैसला किया।
गांव की गरीब महिलाओं की सुविधा हेतु प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर उज्ज्वला योजना के तहत करोड़ों की संख्या में निशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किए गए। तीन तलाक की सदियों पुरानी कुप्रथा से मुस्लिम महिलाओं के सम्मान और गरिमा को जो ठेस पहुंचती थी उस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए सरकार ने तीन तलाक के उन्मूलन हेतु ऐतिहासिक कानून बना दिया। सरकार ने इसी तरह के कई अन्य कदमों से महिलाओं का सम्मान और गरिमा सुनिश्चित करने हेतु जो पहले की है उसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी की विशेष भूमिका रही है।
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने लिए जब सरकार ने संपूर्ण लॉकडाउन लागू करने का फैसला किया तब दूसरे राज्यों में जाकर रोजी-रोटी कमाने वाले प्रवासी मज़दूरों के सामने अपने तथा परिवार के जीवन यापन का भीषण संकट उपस्थित हो गया। प्रवासी मजदूरों की तकलीफों से प्रधानमंत्री मोदी दिल पसीज उठा और तब उनकी पहल सरकार ने एक देश एक राशन कार्ड की योजना प्रारंभ की। इस योजना से प्रवासी मजदूरों को अब यह सुविधा मिल गई है कि देश में किसी भी स्थान की राशन दुकान से अनाज प्राप्त कर सकेंगे भले उनका राशन कार्ड किसी अन्य शहर में बना।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने त्यौहारों के मौसम को देखते हुए गरीब परिवारों के लिए नवंबर तक मुफ्त राशन वितरण की घोषणा भी की जो सहृदयता की परिचायक है। प्रधानमंत्री ने गरीब सवर्णों के लिए शिक्षा में दस प्रतिशत आरक्षण का जो फैसला किया वह एक ऐसा ऐतिहासिक कदम था जिसकी देश में कई दशकों से मांग की जा रही थी परंतु पिछली सरकारें इस मामले में अनिश्चय का शिकार बनी रहीं। आखिरकार प्रधानमंत्री मोदी ने यह फैसला किया कि आर्थिक दिक्कतों के कारण किसी गरीब सवर्ण छात्र की शिक्षा में अवरोध नहीं आना चाहिए। उनके दस प्रतिशत आरक्षण की जो पहले प्रधानमंत्री ने की उसकी प्रशंसा तो होना ही थी।
अभी हाल में ही घोषित राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और शिक्षा को शालेय स्तर से ही रोजगारोन्मुखी बनाने के प्रावधान किए गए हैं। इस शिक्षा नीति में इस बात पर विशेष जोर दिया गया है कि युवाओें को भविष्य की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए सक्षम बनाया जाए। राष्ट्र की अखंडता , एकता और संप्रभुता की रक्षा प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकताओं में सर्वोपरि है और उसके लिए चुनौती बनने की कोशिश करने वाली अंदरुनी और बाहरी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देने में मोदी कभी पीछे नहीं रहते। उसके लिए किसी देश से संबंधों को दांव पर लगाने से भी उन्हें कोई परहेज नहीं है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत प्रवास के दौरान उनके स्वागत सत्कार में मोदी ने कोई कमी नहीं छोड़ी परंतु तीन माह पूर्व जब चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पर भारत की संप्रभुता के लिए चुनौती पेश करने की कुचेष्टा की तो प्रधानमंत्री मोदी ने उसे उसी की भाषा में जवाब देने के लिए भारतीय सेना को अनुमति प्रदान करने में तनिक भी देर नहीं की। प्रधानमंत्री ने देश वासियों को विश्वास दिलाया है कि चीन के साथ नरमी से पेश आने का कोई सवाल ही नहीं है। केंद्र की पूर्व वर्ती संप्रग सरकार ने फ्रांस के साथ जिन रक्षा सौदों को वर्षों तक लंबित रखा उन्हें अंतिम रूप देने में मोदी सरकार ने कोई देर नहीं की।
फ्रांस से राफेल विमानों की पहली खेप यदि भारत पहुंच चुकी है तो इसके लिए श्रेय के वास्तविक हकदार प्रधानमंत्री मोदी ही हैं। अब यह विवाद का विषय नहीं होना चाहिए कि सीमा पर जारी चीन की हिमाकत को देखते हुए राफेल विमानों की हमें कितनी आवश्यकता थी। भारत ने चीन के दोस्त पाकिस्तान को भी सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के जरिए यह बात अच्छी तरह समझा दी है कि भारत में आतंकवादियों को बढ़ावा देने की उसे महंगी कीमत चुकाने के लिए तैयार रहना होगा। कश्मीर घाटी में सैन्य बलों ने आतंकवादियों और अलगाववादियों की कमर तोड़ कर रख दी है बस आश्चर्य की बात यही है पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है लेकिन इस हकीकत से तो वह अच्छी तरह वाकिफ हो चुका है कि भारत में प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर नरेन्द्र मोदी के आसीन रहते उसे अपनी हर नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब मिलना तय है।कोरोनावायरस के विश्वव्यापी संकट ने भारतीय अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि हमें इस आपदा को अवसर में बदलने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने एक संदेश में देश वासियों का आह्वान किया है हम आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाकर इस आपदा को अवसर में बदलने में सफल हो सकते हैं। केंद्र सरकार की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए २० लाख करोड़ रुपए आवंटित करने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने कहा, हमें स्वदेशी के उपयोग तक ही अपने अभियान को सीमित नहीं रखना है बल्कि दूसरों को भी स्वदेशी के उपयोग हेतु प्रेरित करना है। प्रधानमंत्री ने लोकल के लिए लोकल का नारा दिया है। प्रधानमंत्री की यह अनूठी पहल निःसंदेह अभिनंदनीय और अनुकरणीय है।
अंतर्राष्ट्रीय मसलों पर प्रधानमंत्री मोदी की राय विशेष मायने रखती है। वे महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी राय बेबाकी से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के सम्मुख रखते हैं और उनके राय की उपेक्षा करना किसी राष्ट्राध्यक्ष के लिए संभव नहीं होता। एक वर्ष पूर्व जलवायु परिवर्तन से संबंधित एक बैठक में मोदी ने दो टूक कहा था कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बातों का समय अब बीत चुका। अब हमें ठोस कदम उठाने होंगे। मोदी ने उस सम्मेलन में अपनी बेबाक और दो टूक राय से वहां मौजूद विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के बीच समां बांध दिया था।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी का विजन स्पष्ट है और उनके अंदर मौजूद ऊर्जा से मैं बहुत प्रभावित हूं। वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की राय है कि मोदी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था ने नए अवसर पैदा किए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के बारे में इसी तरह की राय अनेक राष्ट्राध्यक्षों ने व्यक्त की है।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का फैसला भी प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव पर ही किया था। गौरतलब तलब है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए समय रहते देश में लाक डाउन लागू करने के मोदी के फैसले की विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहना की थी।
केंद्र सरकार के मुखिया के रूप में प्रधानमंत्री मोदी ने विगत 6 वर्षों में जो ऐतिहासिक और साहसिक फैसले किए हैं उनके सकारात्मक प्रभाव सामने आने लगे हैं और उनसे उन फैसलों की अपरिहार्यता भी प्रमाणित हो चुकी है। मोदी की उल्लेखनीय उपलब्धियों की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि उन सभी का एक छोटे से लेख में उल्लेख संभव नहीं हो सकता परंतु सदियों पुराने अयोध्या विवाद का शांति पूर्ण समाधान और श्रीराम मंदिर का उनके करकमलों से भूमि पूजन का उल्लेख अगर इस लेख में छूट जाए तो इस लेख की पूर्णता का दावा नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री मोदी के भव्य राममंदिर के निर्माण हेतु भूमि पूजन के बाद यह भी तय माना जा सकता है कि उनके वर्तमान कार्यकाल में ही मंदिर का निर्माण पूर्ण होने की संभावनाएं प्रबल हो उठी हैं। मोदी इसके लिए अग्रिम बधाई के हकदार हैं।