पश्चिमी यूपी का चौंकाने वाला सर्वे, न आरएलडी न सपा, जाटों की पसंद है ये पार्टी!
जाटलैंड में किसके ठाठ? पश्चिमी यूपी का चौंकाने वाला सर्वे, न आरएलडी न सपा, जाटों की पसंद है ये पार्टी!
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी राजनीति का अखाड़ा बना चुका है। यूपी में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग पश्चिमी यूपी यानी जाटलैंड से शुरू हो रही है। जिसको लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां पूरी ताकत के साथ जाट वोट बैंक में सेंध लगाने की जुगत में हैं। गौरतलब है कि साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगों के बाद ये इलाका पूरी तरह से बीजेपी के पाले में चला गया था।
लेकिन किसान आंदोलन के बाद से यहां का माहौल बदल गया है और अब सभी दल अपनी राजनीतिक संभावनाओं को तलाशने में जुटें हुए हैं। हालांकि तीन कृषि कानून को खत्म करके बीजेपी ने डैमेज कंट्रोल किया। लेकिन उसकी वजह से बढ़े असंतोष का फायदा प्रमुख विपक्षी दल उठाना चाह रहे हैं।
सर्वे में जाटलैंड ने इस पार्टी पर जताया भरोसा
पश्चिमी यूपी की सियासत पर शनिवार को सी-वोटर ओपिनियन के आंकडे़ जारी किए गए थे। सर्वे के मुताबिक 136 सीटों वाले पश्चिमी यूपी में बीजेपी अभी भी यहां सबसे आगे दिख रही है। बीजेपी को यहां 41 फीसदी वोट मिल सकते हैं तो सपा गठबंधन को 33 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। वहीं बहुजन समाज पार्टी को 15 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है तो कांग्रेस को 7 और अन्य के खाते में 4 फीसदी वोट जाने की संभावना जताई जा रही है। बीते 15 जनवरी को किए गए सर्वे से तुलना करें तो बीजेपी के वोट प्रतिशत में 1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। सर्वे में बीजेपी व सपा के बीच वोटों का अंतर 8 फीसदी है। सर्वे से स्पष्ट है कि सपा गठबंधन व बीजेपी के बीच ही चुनावी घमासान होगा।
पश्चिमी यूपी में जाटों की ताकत
उत्तर प्रदेश की सियासत में एक कहावत कही जाती है कि जिसके जाट, उसकी ठाठ। कहा जाता है कि यूपी की सियासत में संसदीय चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव हो तो जाट वोट बैंक सत्ता का रूख तय करता है। यूपी के मेरठ, मथुरा, अलीगढ़, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, आगरा, बिजनौर, मुरादाबाद, सहारनपुर, बरेली और बदायूं जैसे जिलों में जाट समुदाय का पूरा दबदबा है। यूपी में भले ही पूरे जाट समुदाय की आबादी 4 से 6 फीसदी के बीच हो लेकिन पश्चिमी यूपी के कुल वोटों में करीब 17 फीसदी हिस्सेदारी जाट समुदाय की है।
पश्चिमी यूपी के 120 विधानसभा सीटों और 18 लोकसभा सीटों पर जाट वोट बैंक असर रखता है। इनमें से कहा जाता है कि करीब 30 विधानसभा सीटों पर तो जाट वोटर्स निर्णायक भूमिका में रहते हैं। पश्चिमी यूपी को खेती के हिसाब से काफी उपजाऊ के कारण किसान लैंड के साथ-साथ जाटलैंड भी कहा जाता है।
जानें यूपी की जनता का मूड
हाल ही में हुए सी-वोटर सर्वे के मुताबिक बीजेपी को फायदा मिलता दिख रहा है। आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 42 फीसदी वोट मिलने की संभावना बतायी जा रही है। जबकि समाजवादी पार्टी को 33 फीसदी वोट मिल सकते हैं। इस हिसाब से दोनों मुख्य दलों में मात्र 9 फीसदी वोट का अंतर रह जाता है बहुजन समाज पार्टी को 12 फीसदी वोट से संतोष करना पड़ रहा है। कांग्रेस को सात फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं तो वहीं अन्य दलों को 6 फीसदी वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है। सीवोटर सर्वे के मुताबिक बीजेपी एकबार फिर यूपी में वापसी करती हुई दिख रही है।