Rahul Gandhi: डॉ. हर्षवर्धन के बयान पर राहुल गांधी का पलटवार, कहा- देश कितने और 'Act Of Modi' झेलेगा?
Rahul Gandhi: डॉ. हर्षवर्धन के बयान पर राहुल गांधी का पलटवार, कहा- देश कितने और 'Act Of Modi' झेलेगा?
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के बयान पर हमला
- राहुल गांधी ने कहा- देश कितने और 'Act Of Modi' झेलेगा?
- हर्षवर्धन ने कहा था
- लोगों के गैर जिम्मेदाराना बर्ताव से कोरोना का संक्रमण फैला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के उस बयान पर हमला बोला है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना से निपटने में पीएम मोदी के काम की सबको तारीफ करनी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा, "मोदी सरकार का अंधा अहंकार देश की बदहाली के लिए कभी भगवान तो कभी जनता को दोषी ठहराता है लेकिन ख़ुद के कुशासन और ग़लत नीतियों को नहीं। देश कितने और #ActOfModi झेलेगा?"
लोगों के गैर-जिम्मेदराना व्यवहार से बढ़ा कोरोना
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लोकसभा में कहा था, लोगों के गैर जिम्मेदाराना बर्ताव से ही कोरोना वायरस का संक्रमण फैला है। उन्होंने कहा था कि देश में कोरोना के बढ़ने की वजह लोगों की गैर-जिम्मेदराना व्यवहार है। जिस तरह इस महामारी को काबू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाई हमें उनका आभारी होना चाहिए।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने मॉनसून सत्र के पहले दिन कहा था कि ज्यादातर नए केस और मौतें महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, यूपी, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार, तेलंगाना, ओडिशा, असम, केरल और गुजरात से आ रहे हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि भारत में प्रति 10 लाख लोग 3,328 लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं जबकि प्रति 10 लाख मौतों का आंकड़ा 55 है। उन्होंने कहा था कि कोरोना से प्रभावित दुनिया के देशों में यह सबसे कम है।
"एक्ट ऑफ गॉड से सिकुड़ सकती है इकोनॉमी
इससे पहले 41वीं जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के बाद मीडिया के सामने निर्मला सीतारमण ने कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस के रूप में सामने आए असाधारण "एक्ट ऑफ गॉड" का सामना कर रही है, जिसकी वजह से इस साल अर्थव्यवस्था के विकास की दर सिकुड़ सकती है।
वित्त मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2015 में जीएसटी क्षतिपूर्ति अंतर 2.35 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। यह इसलिए है क्योंकि केंद्र को कोविड द्वारा प्रभावित आर्थिक गतिविधियों के कारण जीएसटी उपकर से केवल 65,000 करोड़ रुपये एकत्र करने की उम्मीद है। बता दें कि 3 लाख रुपये जीएसटी कलेक्शन की उम्मीद थी।