सपा भाजपा की मिली भगत के कारण मुस्लिम हुआ गुमराह

मायावती बोलीं सपा भाजपा की मिली भगत के कारण मुस्लिम हुआ गुमराह

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-29 11:00 GMT
सपा भाजपा की मिली भगत के कारण मुस्लिम हुआ गुमराह

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती यूपी विधानसभा चुनाव-2022 में मिली करारी हार के बाद लगातार पार्टी की समीक्षा में लगी हैं। उन्होंने कहा कि सपा व भाजपा की अन्दरूनी मिलीभगत जग-जाहिर रही है। कहा कि इसी कारण मुस्लिम समाज गुमराह हुआ है।

मायावती ने मंगलवार को ट्वीट के माध्यम से लिखा कि यूपी में सपा व भाजपा की अन्दरूनी मिलीभगत जग-जाहिर रही है कि इन्होंने विधान सभा आमचुनाव को भी हिन्दू-मुस्लिम कराकर, यहां भय व आतंक का माहौल बनाया, जिससे खासकर मुस्लिम समाज गुमराह हुआ व सपा को एकतरफा वोट देने की भारी भूल की, जिसको सुधार कर ही भाजपा को यहां हराना संभव है।

दरअसल, बसपा मुखिया को लगता है कि यूपी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की हार हिन्दू-मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के चलते हुए हैं। इसके पहले पार्टी की हार पर बोलते हुए उन्होंने कहा था कि मुस्लिम समाज का पूरा वोट भाजपा को हराने के लिए समाजवादी पार्टी की तरफ शिफ्ट कर गया। बसपा को इसी की सजा मिली।

इससे पहले मायावती ने समीक्षा बैठक में कहा कि चुनाव नतीजों से साफ हुआ कि इस चुनाव में जब बसपा से जुड़ा मुस्लिम समाज का वोट एकतरफा सपा में जाते दिखा, जबकि हिन्दू समाज ने भाजपा सरकार की नीतियों व कार्यशैली से दुखी होते हुए भी यह सोचकर अपना अधिकांश: वोट भाजपा को दे दिया कि कहीं यहां फिर से सपा का गुंडा, माफिया, आतंकी, हल्ला बोल व भ्रष्ट राज आदि वापिस ना आ जाए।

इससे सपा तो सत्ता में नहीं आ सकी बल्कि भाजपा सत्ता में जरूर वापिस आ गई। इसका काफी जबरदस्त राजनैतिक नुकसान बसपा को हुआ है, जिसके लिए सपा व अधिकांश: मुस्लिम समाज पूरे तौर से जिम्मेवार व कसूरवार भी है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज का एकतरफा वोट लेकर तथा दर्जन भर संगठनों एवं पार्टियों से गठबंधन करके चुनाव लड़ने के बावजूद भी सपा सत्ता में आने से काफी दूर रह गई है।

ऐसे में अब सपा कभी भी आगे यहां सत्ता में वापिस नहीं आ सकती है तथा ना ही यह पार्टी भाजपा को सत्ता में आने से रोक सकती है। मायावती ने कहा कि हमेशा की तरह मुस्लिम समाज के लोग सपा को वोट देकर काफी ज्यादा पछता रहे हैं और इनकी इसी कमजोरी का सपा यहां यूपी में बार-बार फायदा भी उठा रही है, जिसे रोकने के लिए अब हमें इन भटके व दिशाहीन हुए लोगों से कतई भी मुंह नहीं मोड़ना है बल्कि इनको सपा के शिकंजे से बाहर निकाल कर अपनी पार्टी में पुन: वापिस लाने का भी पूरा-पूरा प्रयास करना है।

ज्ञात हो कि यूपी में बसपा अपने सबसे बुरे दौर में चल रही है। 38 साल की राजनीति में इस बार यूपी चुनाव नतीजे पार्टी के लिए सबसे अधिक अप्रत्याशित रहे। मायावती जिस वोट बैंक के दम पर अपनी शर्तों पर राजनीति करती रहीं, वह भी अब खिसकता नजर आ रहा है। बसपा 2022 के चुनाव में मात्र 12.08 प्रतिशत ही वोट पा सकी। पार्टी ने इस चुनाव में सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल की है।

आईएएनएस

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