कल्याण सिंह लखनऊ के अस्पताल में भर्ती, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी ने ली स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी

कल्याण सिंह लखनऊ के अस्पताल में भर्ती, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी ने ली स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-04 08:25 GMT
कल्याण सिंह लखनऊ के अस्पताल में भर्ती, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी ने ली स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह (89) का हालचाल लेने के लिए डॉ.राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे। इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोहिया अस्पताल का दौरा कर कल्याण सिंह की स्थिति का जायजा लिया। शनिवार रात शरीर में सूजन की शिकायत के बाद कल्याण सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 

अस्पताल के प्रवक्ता डॉक्टर श्रीकेश सिंह के अनुसार उनकी तबीयत स्थिर है। पिछले सप्ताह भी उनको लोहिया संस्थान में भर्ती कराया गया था। जांच रिपोर्ट में कल्याण सिंह का यूरिया व क्रिएटिनिन बढ़ा हुआ आया है। पिछले साल, 14 सितंबर को कल्याण सिंह का कोरोना टेस्ट पोजिटिव आया था जिसके बाद उन्हें  लखनऊ के कोरोना अस्पताल, एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था। 12 अक्टूबर, 2020 को वो कोरोना निगेटिव हुए थे। 

पहली बार जून 1991 में सीएम बने
कल्याण सिंह पहली बार जून 1991 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनके नेतृत्व में पहली बार बहुमत के साथ सत्ता में आई थी। सिंह ने राजस्थान के राज्यपाल के रूप में भी काम किया है। 26 अगस्त 2014 को कल्याण सिंह को राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया था। जनवरी 2015 में इनको हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी दिया गया था।

पहली बार 1967 में अतरौली से चुनाव जीता
कल्याण सिंह ने पहली बार 1967 में अतरौली विधान सभा इलाके से चुनाव जीता था और लगातार 1980 तक विधायक रहे। 1980 के विधानसभा चुनाव में कल्याण सिंह को कांग्रेस के टिकट पर अनवर खां ने पहली बार हराया था। लेकिन कल्याण सिंह ने 1985 के विधानसभा चुनाव में फिर जीत हासिल की थी। तब से लेकर 2004 के विधानसभा चुनाव तक कल्याण सिंह अतरौली से विधायक रहे। 

1992 में कल्याण सिंह की सरकार बर्खास्त
1991 में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 221 सीटें लेकर सरकार बनाई थी। लेकिन  6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिरा दी गई और कल्याण सिंह की सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था। 1993 में फिर चुनाव हुए। भाजपा के वोट तो बढ़े पर सीटें घट गईं थी। भाजपा सत्ता से बाहर ही रही। इसके दो साल बाद बसपा के साथ गठबंधन कर भाजपा फिर सत्ता में आई पर भाजपा का मुख्यमंत्री नहीं बना। 

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