कबीर और उनके उपदेश आज भी अधिक प्रासंगिक

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद कबीर और उनके उपदेश आज भी अधिक प्रासंगिक

Bhaskar Hindi
Update: 2022-06-05 13:00 GMT
कबीर और उनके उपदेश आज भी अधिक प्रासंगिक

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रविवार को कहा कि रहस्यवादी कवि और संत कबीर का जीवन मानवीय गुणों का प्रतीक है और उनकी शिक्षाएं आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं। राष्ट्रपति ने यहां संत कबीर अकादमी एवं अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया और भक्ति आंदोलन के संत को मगहर स्थित उनके समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने उनकी मजार पर चादर भी चढ़ाई और कबीरचौरा धाम के प्रांगण में एक पौधा भी लगाया।

कोविंद ने कहा, कबीर का जीवन मानवीय गुणों का प्रतीक है और उनकी शिक्षाएं 650 साल बाद भी आज भी प्रासंगिक हैं। कबीर का जीवन सांप्रदायिक एकता का आदर्श उदाहरण है। कबीर ने इस बात पर जोर दिया कि दलितों के प्रति स्नेह का रवैया रखने से ही मानवता की सेवा की जा सकती है। उन्होंने औपचारिक शिक्षा नहीं प्राप्त की, लेकिन संतों की संगति में अपने अनुभवों से ज्ञान प्राप्त किया। उनकी शिक्षाओं ने खंडित समाज की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया।

राष्ट्रपति ने कहा कि जाति और पंथ के आधार पर बंटे समाज को जगाना जरूरी है। इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे। राष्ट्रपति ने आदित्यनाथ को उनके 50वें जन्मदिन पर भी बधाई दी। राष्ट्रपति उत्तर प्रदेश की अपनी यात्रा के अंतिम दिन सोमवार को लखनऊ में विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।

 

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