ED-CBI के डर का जवाब: पार्टी बदलने के अगले दिन AAP की विचारधारा को बताया कमजोर, पार्टी छोड़ने के बाद गहलोत की पहली दलील
- अगले साल फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव
- राज्य में विधानसभा को लेकर सियासत तेज
- रविवार को बीजेपी में शामिल हुए कैलाश गहलोत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कैलाश गहलोत ने रविवार को बीजेपी ज्वाइन की थी। जिसके एक दिन बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी से पुराना रिश्ता तोड़ने की वजह बताई। उन्होंने कहा कि मैं एक विचारधारा और सिद्धांत की वजह से आप से जुड़ा था। लेकिन अब इसमें लगातार ढिलाई देखने को मिल रही है। हालांकि, ऐसा रातोंरात नहीं हुआ है। दिल्ली के पूर्व मंत्री ने कहा कि कुछ चीजें समझने में समय लगता है। मैंने पार्टी छोड़ने की हिम्मत जुटाई है। आने वाले दिनों में हो सकता है कुछ और लोग भी ऐसा करें।
गहलोत ने कहा, 'मैंने अपने पत्र में मुख्य कारण विस्तार से बताया है। मैं आम आदमी पार्टी से एक विचारधारा के लिए जुड़ा था। मेरे जैसे लाखों लोग हैं। मेरा मानना है कि पार्टी कभी भी सिर्फ एक व्यक्ति द्वारा नहीं बनाई जाती है। यह असंभव है। जब लाखों-करोड़ों लोग एक पार्टी में शामिल होते हैं और आम लोग एकजुट होते हैं, तो वे आम आदमी पार्टी (आप) की विचारधाराओं, मूल्यों और सिद्धांतों से जुड़ते हैं। लेकिन अब यह कमजोर होती दिखाई दे रही है। विचारधारा-सिद्धांत का कमजोर होना रातोंरात नहीं होता, इसमें समय लगता है। जब मुझे ऐसा लगा तो मैंने पार्टी छोड़ दी।'
ईडी-सीबीआई पूछताछ के बारे में चर्चा की
भाजपा नेता कैलाश गहलोत कहते हैं, "2018 में मेरे आवास पर आयकर की तलाशी थी, लेकिन मैं डरा नहीं। उस समय भी दबाव रहा होगा। सीबीआई ने मुझसे पूछताछ की और मुझे जितनी बार बुलाया गया, मैं उनके सामने पेश हुआ। मैंने उनके सभी सवालों के जवाब दिए। तो, उस समय भी डर रहा होगा। मेरी ईडी-सीबीआई पूछताछ के बारे में किसी को नहीं पता, मेरा मानना है कि हर बात प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताना या हर छोटी बात पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करना जरूरी नहीं है। जब ईडी ने मुझे समन भेजा तो मैं उनके सामने पेश हुआ। मैंने उनके सवालों के जवाब दिए और हर संभव तरीके से सहयोग किया। तो, उस समय भी डर रहा होगा। अभी कोई समन लंबित नहीं है। अभी कोई पूछताछ लंबित नहीं है। तो, यह डर किस बात का है। कल भी मैंने कहा था कि मैंने कभी डर या दबाव में काम नहीं किया और मुझ पर कोई दबाव नहीं है।"
अफवाहों पर भी की बात
भाजपा नेता कैलाश गहलोत कहते हैं, "समय बीतने के साथ जब चीजें आपके सामने आती हैं। मैंने कल कहा था कि यह फैसला (आप छोड़ने का) लेना आसान नहीं था क्योंकि हम शुरू से ही इस पार्टी से जुड़े थे। हमने 2015 से ही बहुत संघर्ष किया है। इसलिए, समय बीतने के साथ जब आप आश्वस्त हो जाते हैं। ऐसा नहीं है कि आप किसी मॉल में गए, जैकेट दिखा और उसे खरीद लिया। यह बहुत गंभीर और भावनात्मक है। मुझे बहुत पीड़ा हुई, यह पीड़ा सिर्फ एक दिन की नहीं है। यह एक लंबी बात है।"
भाजपा में शामिल होने के बाद कैलाश गहलोत ने कहा, "कुछ लोग सोच रहे होंगे कि यह फैसला रातोंरात और किसी के दबाव में लिया गया। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैंने आज तक कभी किसी के दबाव में आकर कुछ नहीं किया। मैं सुन रहा हूं कि एक नैरेटिव बनाने की कोशिश की जा रही है कि यह ईडी और सीबीआई के दबाव में किया गया लेकिन यह सब गलत है।"
Created On :   19 Nov 2024 4:24 PM IST