डेंगू प्रभाव : बंगाल विधानसभा में भाजपा विधायकों ने साड़ी पहने मच्छर की प्रतिकृति के साथ किया प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल डेंगू प्रभाव : बंगाल विधानसभा में भाजपा विधायकों ने साड़ी पहने मच्छर की प्रतिकृति के साथ किया प्रदर्शन

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-22 14:00 GMT
डेंगू प्रभाव : बंगाल विधानसभा में भाजपा विधायकों ने साड़ी पहने मच्छर की प्रतिकृति के साथ किया प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में भाजपा विधायकों ने राज्य में डेंगू की समस्या से निपटने में राज्य सरकार के कथित ढुलमुल रवैये के विरोध में अनोखा तरीका अपनाया। भाजपा विधायकों ने मंगलवार को सदन के भीतर और बाहर एक विशाल मच्छर प्रतिकृति (रिप्लिका) के साथ विरोध प्रदर्शन किया। इसमें मच्छर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ट्रेडमार्क पोशाक नीली बॉर्डरलाइन वाली सफेद साड़ी पहने दिखाया गया है।

भाजपा ने राज्य में डेंगू की स्थिति पर चर्चा के लिए सदन में स्थगन प्रस्ताव भी पेश किया। हालांकि अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने स्थगन प्रस्ताव को पढ़ने की अनुमति दी, लेकिन उन्होंने इस मामले पर सदन में कोई चर्चा नहीं होने दी। इससे नाराज भाजपा विधायकों ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में सफेद और नीली साड़ी पहने मच्छरों के प्रतिरूप को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। बाद में उन्होंने प्रतिकृति को लेकर वॉकआउट किया और विधानसभा परिसर के लॉन में नारेबाजी करने लगे।

भाजपा के कुछ विधायक मच्छरदानी भी ले जाते दिखे, जिसे उन्होंने विधानसभा के बाहर मौजूद लोगों के बीच बांट दिया। यह लगातार दूसरा दिन है, जब भाजपा विधायकों के विरोध के बाद विधानसभा में हंगामा हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लुक को लेकर राज्य के मंत्री और तृणमूल विधायक अखिल गिरि द्वारा हाल ही में की गई अपमानजनक टिप्पणियों की निंदा करते हुए अध्यक्ष द्वारा स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार करने के बाद सोमवार को भगवा विधायकों ने इसी तरह का विरोध किया था।

भाजपा विधायकों ने गले में राष्ट्रपति की तस्वीर वाले पोस्टर लगाए होने का विरोध किया। मंगलवार को विरोध प्रदर्शन के बाद शुभेंदु अधिकारी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत की, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार पर दो आरोप लगाए। पहला, हाल ही में विधानसभा सचिवालय द्वारा विधानसभा परिसर के भीतर एक नए भवन के उद्घाटन के लिए भेजा गया निमंत्रण कार्ड, जिसमें विपक्ष के नेता के रूप में उनका नाम नहीं था, हालांकि इसमें ममता बनर्जी और अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय के नाम थे।

अधिकारी ने आरोप लगाया, यह विधानसभा प्रोटोकॉल के इतिहास में अभूतपूर्व है। दूसरा आरोप स्थायी विधानसभा सचिव की नियुक्ति में देरी से संबंधित था। अधिकारी ने आरोप लगाया, विधानसभा सचिव की नियुक्ति कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा की जाती है। दो महीने पहले भास्कर भट्टाचार्य नामक एक व्यक्ति को उस पद के लिए नियुक्त किया गया था। लेकिन राज्य सरकार की ओर से पहले नहीं किए जाने के कारण उन्होंने अभी तक पदभार ग्रहण नहीं किया है।

(आईएएनएस)

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