मध्यप्रदेश में विकास यात्रा के बीच बीजेपी को झेलना पड़ रहा है विरोध, बीजेपी हाईकमान की बढ़ी टेंशन
विधानसभा चुनाव 2023 मध्यप्रदेश में विकास यात्रा के बीच बीजेपी को झेलना पड़ रहा है विरोध, बीजेपी हाईकमान की बढ़ी टेंशन
डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए बीजेपी की ओर से निकाली जा रही विकास यात्रा में लगातार हो रहे विरोध ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। विकास यात्रा में कई जगह बीजेपी मंत्रियों, विधायकों को जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। निवाड़ी में बार बालाओं का डांस वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तीखा हमला बोला और शिवराज सिंह चौहान की विकास यात्रा को 'निकास यात्रा' बताया।
सीहोर के इछावर में विकास यात्रा के दौरान विधायक करण सिंह वर्मा को बिजली एवं पानी की समस्या को लेकर विरोध का सामना करना पड़ा। उससे पहले दमोह के भाजपा विधायक धर्मेंद सिंह लोधी की विकास यात्रा को ग्रामीणों ने बीच में ही रोक लिया, और बीजेपी विधायक से पिछले साढ़े चार साल में हुए विकास कार्यों का हिसाब जनता मांगने लगी।
विकास यात्रा के विरोध की खबरों ने बीजेपी थिंक टैंक की टेंशन बढ़ा दी है। इसी बीच, सरकारी एजेंसी और संगठन की तरफ से अलग-अलग सर्वों में आए नतीजों ने भी बीजेपी को मुसीबत में डाल दिया है। सरकार की एजेंसी एलआईबी के सर्वे में बीजेपी को 100 से भी कम सीटें मिलने का अनुमान लगाया है। पार्टी ने भी अपने स्तर पर एक सर्वे कराया उसमें भी बीजेपी को 90 से कम सीटें मिलने का अनुमान है, दोनों सर्वे के बाद शिवराज सरकार की छटपटाहट साफ देखने को मिल रही है।
अब माना जा रहा है कि विरोध से बचने के लिए बीजेपी मध्यप्रदेश में गुजरात मॉडल को अपनाने जा रही है। माना जा रहा है कि कई इलाकों में खराब छवि के चलते विरोध का सामना कर रहे बीजेपी विधायकों को गुजरात मॉडल के तहत टिकट काटकर विरोध से बचा जा सकता है।
विकास यात्राओं में जनता से संवाद का दौर, यात्रा में जनता का विरोध इसी बीच सर्वे में पिछड़ती बीजेपी और सीएम शिवराज सिंह चौहान की आरएसएस चीफ मोहन भागवत से मुलाकात के बाद अचानक 19 फरवरी को सभी मंत्रियों को भोपाल बुलाने के फरमान ने राजनैतिक गलियारों में अचानक हलचल बढ़ा दी है। हालांकि इस फरमान से राजनैतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे है कि सत्र शुरू होने से पहले शिवराज मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शिवराज सिंह चौहान सरकार का तीसरा मंत्रिमंडल विस्तार कभी भी हो सकता है। तीसरे मंत्रिमंडल विस्तार में 10 से 12 नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल होने की उम्मीद है, वहीं खराब फरफोर्मेंस वाले कुछ मंत्री चेहरों को हटाकर बीजेपी अपने पक्ष में एंटी इंकम्बेंसी को कुछ हद तक कम करने की कोशिश में है। आपको बता दें अभी मुख्यमंत्री को मिलाकर कैबिनेट में 31 सदस्य हैं। चार पद खाली हैं।इन चार पदों के साथ नॉन परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को बदला जा सकता है।
नए दावेदार
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अनुसूचित जाति से भोपाल के विष्णु खत्री और जतारा से हरीशंकर खटीक और इमरती देवी की भरपाई करने के लिए ग्वालियर चंबल संभाग से सिंधिया गुट से अम्बाह से विधायक कमलेश जाटव व ब्राह्मण कोटे से रीवा से राजेंद्र शुक्ला व शरदेंदु तिवारी, कटनी से संजय सत्येंद्र पाठक और भोपाल से रामेश्वर शर्मा। अनुसूचित जाति से सुलोचना रावत और जनरल केटेगरी में चेतन कश्यप, नरेंद्र सिहं तोमर गुट से जौरा से विधायक सूबेदार सिंह रजौधा का नाम संभावित है। जबलपुर से अशोक रोहाणी ,ओबीसी से मनोज चौधरी व महेंद्र हार्डिया का नाम भी चर्चा में है।