कांग्रेस, आप के बाद टीएमसी सुप्रीमो से मिलेंगे सीएम नीतीश कुमार, दीदी को मनाना इतना आसान नहीं, बीजेपी को मात देने के लिए कितनी तैयारी?
विपक्ष बनाम बीजेपी कांग्रेस, आप के बाद टीएमसी सुप्रीमो से मिलेंगे सीएम नीतीश कुमार, दीदी को मनाना इतना आसान नहीं, बीजेपी को मात देने के लिए कितनी तैयारी?
डिजिटल डेस्क, पटना। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी राजनीतिक दलों को एकजुट करने में लगे हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी को साल 2024 के लोकसभा चुनाव में पटखनी देने के लिए कांग्रेस, एनसीपी, आप, डीएमके, बीआरस जैसे तमाम प्रमुख पार्टियों के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात कर रहे हैं ताकि आम चुनाव में बीजेपी को जीतने से रोका जा सके। इसी को देखते हुए सीएम नीतीश 25 अप्रैल को टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करने वाले हैं। नीतीश कुमार दीदी से मुलाकात कर भाजपा को घेरने की रणनीति बनाएंगे।
हालांकि, ममता बनर्जी इस बात को लेकर मानेंगी या नहीं ये तो बाद की बात है। लेकिन पिछले दिनों उनके दिए गए बयान से सीएम नीतीश की विपक्षी एकता करने की कवायद में जरूर रोडा पैदा हो सकता है
नीतीश और ममता की मुलाकात
दरअसल, सीएम नीतीश कुमार को कई बार कहते हुए सुना जा चुका है कि वो आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए हर तरह का प्रयास करेंगे। इसी को देखते हुए वो तमाम राजनीतिक दलों से मुलाकात कर रहे हैं और सबको एक मंच पर आने की बात कह रहे हैं। अब इसी क्रम में सीएम ममता बनर्जी से 25 अप्रैल को मुलाकात करेंगे। जानकारी के मुताबिक, सीएम नीतीश और ममता बनर्जी के बीच अकेले में बातचीत होगी और दोनों नेता आने वाले दिनों में कोई बड़ी घोषणा भी कर सकते हैं। लेकिन इन सबसे इतर कुछ दिनों पहले ही ममता बनर्जी ने एक जनसभा के दौरान कहा था कि वो लोकसभा चुनाव में किसी से गठबंधन नहीं करेंगी टीएमसी जनता के साथ गठजोड़ करके चुनाव में उतरेगी। ममता के इस बयान पर अब सवाल उठता है कि, क्या नीतीश जो विपक्षी एकता को एकजुट करने में लगे हुए हैं उसमें वो सफल हो पाएंगे?
सागरदिघा में हार के बाद ममता का बदला मिजाज
आपको बता दें कि, ममता ने यह बयान तब दिया था जब सागरदिघा में उनके प्रत्याशी को उपचुनाव में करारी हार मिली थी। दरअसल, हाल ही में बंगाल के सागरदिघा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। जिसमें टीएमसी को कांग्रेस से करारी हार मिली थी। इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी बायरन विश्वास ने करीब 23 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। इस सीट को लेकर ममता पूरी तरह आश्वत थी कि उनकी पार्टी ही जीतेगी। लेकिन कांग्रेस के प्रत्याशी से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। तब से सीएम ममता बनर्जी बिफरी हुई हैं और उसी समय से बोल रही हैं कि हमारी पार्टी किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। हालांकि, नीतीश कुमार के मुलाकात के बाद ममता बनर्जी का मन बदलता है कि नहीं ये देखना दिलचस्प होगा।
आप से लेकर कांग्रेस के तमाम नेताओं से मिल चुके हैं सीएम नीतीश
वहीं हाल ही में दिल्ली दौरे पर सीएम नीतीश गए हुए थे। जहां पर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व सांसद राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद सभी नेताओं ने सीएम नीतीश की विपक्ष की एकजुटता को लेकर सराहना की थी और कहा था कि आने वाले समय में सभी दल एकसाथ होकर बीजेपी का मुकाबला करेंगे। अब देखना होगा कि सभी दलों के साथ टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी भी रहती हैं या अपने बलबूते पर ही चुनावी मैदान में भाजपा के विरोध खड़ी होती हुई दिखाई देती हैं ये सब देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा।