केंद्रीय कैबिनेट बैठक: किसानों के लिए अहम फैसले, 7 अहम योजनाओं को मिली हरी झंडी, किसानों के लिए 14 हजार करोड़ का इंवेस्टमेंट
- केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों को 7 बड़ी सौगात
- कृषि क्षेत्र में होगा 14000 हजार करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट
- केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट बैठक में सोमवार को किसानों से संबंधित 7 कल्याणकारी योजनाओं पर मुहर लगाई गई। इस बात की पुष्टि केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने की है। उन्होंने बताया कि मोदी कैबिनेट ने किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए और उनकी आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से ये 7 अहम फैसले लिए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई इस बैठक में कृषि क्षेत्र से जुड़े 7 कार्यक्रमों को सहमति दी गई है। इसके लिए 14,000 करोड़ रुपये को मंजूर दी गई है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी
इन योजनाओं के बारे में चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पहली योजना डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन की है। इस योजना के तहत देश के कृषि क्षेत्र में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाएगा। इसके लिए करीब 2817 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
मोदी कैबिनेट में किसानों को 7 बड़ी सौगात
1. अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खाद्य, पोषण के फसल विज्ञान में इंवेस्टमेंट के तौर पर 3,979 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है।
2. केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि कैबिनेट ने डिजिटल कृषि मिशन के लिए 2,817 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को सहमति दी है।
3. उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा कैबिनेट ने कृषि शिक्षा और प्रबंधन को मजूबती प्रदान करने के उद्देश्य से 2,292 करोड़ रुपये के प्रावधान वाले कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाई है।
4. अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने टिकाऊ पशुधन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 1,702 करोड़ रुपये की योजना को सहमति दी है।
5. इसके अलावा बागवानी में वृद्धि के लिए 860 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
6. कैबिनेट ने कृषि विज्ञान केंद्रों को लेकर 1,202 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
7. इसके बाद कैबिनेट ने अंतिम योजना यानी प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन को सशक्त करने के लिए 1,115 करोड़ रुपये की योजना को सहमति दी है।
इन फैसलों पर भी मुहर
मोदी कैबिनेट ने गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने के लिए केनेस सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। इसमें 3,300 करोड़ रुपये इंवेस्ट किए जाएंगे। इस यूनिट की क्षमता प्रतिदिन 60 लाख चिप के करीब होगी।
इस यूनिट में उत्पादित चिप कई तरह के अनुप्रयोगों की पूर्ति करेगी। इसमें औद्योगिक, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, मोबाइल फोन आदि जैसे क्षेत्र शामिल रहेंगे।
मोदी कैबिनेट ने 309 किलोमीटर लंबी नई लाइन परियोजना को भी स्वीकृति दी है। साथ ही दो प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों - मुंबई और इंदौर के बीच सबसे छोटी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए।
इस परियोजना के तहत वाणिज्यिक केंद्रों मुंबई और इंदौर को सबसे छोटे रेल मार्ग से जोड़ने के अलावा, महाराष्ट्र के 2 जिलों और मध्य प्रदेश के 4 जिलों से गुज़रते हुए महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के असंबद्ध क्षेत्रों को भी कनेक्ट करेगी। इस परियोजना में कुल 181,036 करोड़ रुपये खर्चा होंगे, जिसे साल 2028-29 तक पूरा किया जाएगा। इस दौरान परियोजना से करीब 102 लाख मानव दिवसों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।