विधानसभा चुनाव 2024: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में कई प्रशासनिक अधिकारी अपनी किस्मत आजमाने की तैयारी में, वीआरएस के लिए किए आवेदन
- एसएसपी मोहन लाल कैथ की वीआरएस को मंजूरी
- ज्यादातर अधिकारी बीजेपी से टिकट लेने की तैयारी में जुटे
- मड़ सीट से बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर लड़ सकते है चुनाव
डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू कश्मीर में दस साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे है। विधानसभा चुनाव में कई प्रशासनिक अधिकारी अपनी किस्मत आजमाने की फिराक में है। पुलिस अधिकारी जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनावी अखाड़े में दम दिखाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। इनमें रिटायर डीजीपी, डीआईजी, एसएसपी और एसपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं। अफसरों में पूर्व डीजीपी एसपी वैद, डीआईजी इसरार खान, वीआरएस ले चुके एसएसपी मोहन कैथ और एसएसपी मोहन लाल भगत, इन सर्विस एसपी केडी भगत चुनावी जंग में भाग्य आजमाने के मूड़ में हैं।
खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक ज्यादातर अधिकारी बीजेपी से टिकट लेने का पूरा जोर लगा रहे है। इसके लिए बीजेपी के शीर्ष नेताओं से संपर्क साध रहे हैं। कई अधिकारी बीजेपी से प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने के इच्छुक है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व डीजीपी एसपी वैद संभवता जम्मू या कठुआ से चुनाव लड़ सकते हैं। एसएसपी मोहन लाल कैथ सकते हैं। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। मोहन लाल कैथ ने वीआरएस के लिए आवेदन दिया था, जिसे गृह विभाग ने मंजूरी दे दी है। 31 अगस्त, 2024 से उनका वीआरएस प्रभावी मानी जाएगा।
एसएसपी मोहन लाल भगत एससी आरक्षित अखनूर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते है, उन्होंने भी वीआरएस के लिए आवेदन किया हैं, हालांकि गृह विभाग ने उनके वीआरएस को अभी तक मंजूरी नहीं दी है। यहीं नहीं पूर्व डीआईजी इसरार खान नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) में शामिल हो चुके हैं। कश्मीर के किसी एक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। सेवारत एसपी केडी भगत के अखनूर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं।