महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: महायुति में फूट! इस सीट को लेकर शिवसेना और बीजेपी में ठनी, सीएम शिंदे ने लगाया गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप
- माहिम सीट के उम्मीदवार को लेकर महायुति में बगावत
- राजठाकरे के बेटे अमित को उतारने के पक्ष में थे बीजेपी नेता
- सीएम शिंदे ने बीजेपी आलाकमान से की शिकायत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं। सभी दल इस सियासी दंगल को जीतने की तैयारी में जुटी हैं। इस बीच राज्य की सत्ता पर काबिज महायुति गठबंधन में फूट की खबर सामने आई है। इसकी वजह माहिम विधानसभा सीट है। दरअसल, बीजेपी नेता मांग कर रहे हैं कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित के लिए शिवसेना (शिंदे गुट) को एक सीट छोड़नी चाहिए। वहीं शिंदे ने पहले से ही इस सीट पर अपना उम्मीदवार उतार दिया है। बता दें कि माहिम सीट पर राजठाकरे ने अपने बेटे अमित को कैंडिडेट बनाया है।
शिंदे ने की शिकायत
बीजेपी नेताओं की इस मांग पर सीएम एकनाथ शिंदे ने उनकी शिकायत पार्टी आलाकमान से की है। उन्होंने अपनी शिकायत में बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाया है कि वे गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रहे हैं। दरअसल, बीजेपी नेता नारायण राणे और आशीष शेलार समेत अन्य नेताओं ने कहा था, "शिंदे को अपने उम्मीदवार सदा सरवणकर का नाम वापस ले लेना चाहिए और अमित ठाकरे का समर्थन करना चाहिए। सदा सरवणकर इस सीट से मौजूदा विधायक हैं। शिंदे गुट ने उन्हें माहिम से दोबारा अपना प्रत्याशी बनाया है।
राज ठाकरे ने बोला था हमला
शिंदे के द्वारा जब माहिम से अपना उम्मीदवार उतारने से मना किया गया तो राज ठाकरे उनके खिलाफ हो गए और जमकर बयानबाजी की। उन्होंने शिंदे पर शिवसेना तोड़ने और बाल ठाकरे का नाम व पार्टी के चुनाव चिन्ह चुराने का आरोप लगाया।
राज ठाकरे के हमले के बाद शिंदे ने तय किया कि वो किसी भी कंडीशन में अपने उम्मीदवार का नाम इस सीट से वापस नहीं लेंगे। शिंदे के अपने फैसले पर अडिग रहने और आलाकमान से शिकायत के बाद बीजेपी नेताओं के सुर भी बदल गए हैं। वह अब कहते नजर आ रहे हैं सदा सवर्णकर ही माहिम से महायुति के उम्मीदवार हैं।
शिंदे गुट ने मनसे को दिया था सुझाव
सूत्रों के मुताबिक शिंदे गुट ने राज ठाकरे को यह सुझाव दिया था कि उनके बेटे अमित को माहिम की जगह भांडुप से चुनाव लड़ना चाहिए। जहां मौजूदा समय में महायुति का कोई उम्मीदवार नहीं है। हालांकि राज ठाकरे ने इस सुझाव को नहीं माना। उन्होंने फैसला किया कि अमित को अपने गृह क्षेत्र (जो उनका निवास स्थान है) से ही चुनाव लड़ना चाहिए।