बिहार सियासत: कार्यकारिणी की बैठक में जडीयू ने केंद्र से की बड़ी मांग, बोले- 'बिहार को दें विशेष राज्य का दर्जा'

  • संजय झा को बनाया गया जेडीयू का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष
  • 'बिहार को दें विशेष राज्य का दर्जा'- जेडीयू की मांग
  • बैठक में आरक्षण और नीट पेपर लीक पर बातचीत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-29 15:09 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में हुई। जिसकी अध्यक्षता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे थे। जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार से बड़ी मांग की है। बैठक में उन्होंने संगठन से जुड़ा प्रस्ताव पास किया। जिसमें कहा गया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय कार्यकारिणी अपनी पूरी आस्था जताएगी। बैठक में संजय झा को जेडीयू का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का भी फैसला लिया गया।

नीतिश कुमार की अगुआई में बैठक के दौरान बिहार को विशेष राज्य या स्पेशल पैकेज देने की मांग की गई है। माना जा रहा है कि बिहार को विशेष राज्य बनाने का सपना बहुत लंबे समय से देखा जा रहा है। बैठक के बाद सीनियर जेडीयू नेता ने मीडिया से बात करते हुए कहा- राज्य को आर्थिक विकास की बेहद जरूरत है। बिहार की चुनौतियों और विकास की बातें तो बहुत पहले से होती आ रही हैं।

आरक्षण और नीट पेपर लीक पर की बातचीत

दिल्ली की कार्यकारिणी की बैठक में नीतिश ने बिहार के आरक्षण को बचाने की भी बात की गई है। जूडीयू ने अपने प्रस्ताव में कहा कि आरक्षण का कोटा संविधान के नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए ताकि जूडिशल स्क्रूटनी से इसे बचाया जा सके और इसे लागू करने में कोई दिक्कत न आए। हाल ही में राज्य में आरक्षण की सीमा को बढाकर 65 फिसदी कर दिया गया है। वहीं पार्टी नें नीट पेपर पर भी चर्चा की है। बैठक में कहा कि इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इस तरह से पेपर में गड़बड़ी होना छात्रों के विश्वास को डगमगाता है। जूडीयू कार्यकारिणी की इस बैठक में नीतीश कुमार के साथ केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, केसी त्यागी, विजय कुमार चौधरी, देवेश चंद्र ठाकुर समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे।

विशेष राज्य बनने पर मिलेंगे ये फायदे

बिहार या किसी भी राज्य को विशेष राज्य बनाने का कोई भी प्रावधान संविधान में नहीं है। मगर, 1969 में गाडगिल कमेटी की सिफारिशों के बाद विशेष राज्य बनाने का दर्जा दिया गया। ये दर्जा उन राज्यों को दिया जाता है जो दुर्गभ परिस्थिति, कम जनसंख्या वाले या पिछड़े या फिर गरीब होते हैं। इन कैटिकगरी वाले राज्य को केंद्री सरकार से प्राथमिकता और टैक्स में छूट मिलती है। 1969 में जम्मू- कश्मीर, असम और नगालेंड को विशेष राज्य का दर्जा मिला था।

Tags:    

Similar News