पिछड़ा वर्ग सम्मान सम्मेलन: गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा के महेंद्रगढ़ में सम्मेलन को किया संबोधित, कांग्रेस पर साधा निशाना
- हरियाणा में मुस्लिम आरक्षण लागू नहीं होने देंगे
- नायब सिंह सैनी कैबिनेट ने तीन निर्णय लिए
- क्रीमी लेयर की सीमा 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख करने का निर्णय किया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हरियाणा के महेंद्रगढ़ में 'पिछड़ा वर्ग सम्मान' सम्मेलन को संबोधित किया। अपने संबोधन में शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधा। गृह मंत्री शाह ने अपने संबोधन में कहा कि "कांग्रेस ने कर्नाटक में पिछड़े वर्ग का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देने का काम किया है। अगर ये यहां भी आ गए तो यहां पर भी यही करेंगे। मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम हरियाणा में किसी भी हालत में मुस्लिम आरक्षण लागू नहीं होने देंगे।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पिछड़ा वर्ग सम्मान' सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "नायब सिंह सैनी के कैबिनेट ने तीन निर्णय लिए हैं, पहला निर्णया क्रीमी लेयर की सीमा 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख करने का निर्णय किया है। दूसरा-पंचायतों में 8% आरक्षण ग्रुप-A के लिए था इसके साथ अब ग्रुप-D को 5% आरक्षण मिलना आज से शुरू हो जाएगा। तीसरा, नगर निगम में ग्रुप-B के लिए 5% आरक्षण मिलना शुरू होगा और 8% चस का तस रहेगा तथा ग्रुप-B का 5% अधिक मिलेगा। ये तीनों निर्णय पीएम मोदी की नीति को लागू करने वाला है।
शाह ने मंगलवार को बीजेपी के ओबीसी सम्मेलन में कांग्रेस को ओबीसी विरोधी पार्टी बताया। उन्होंने कहा विरोधी पार्टियों ने हरियाणा को भ्रष्टाचार और परिवारवाद के अलावा कुछ भी नहीं दिया। अमित शाह ने आगे कहा कि पिछड़ा वर्ग ने बीजेपी को हमेशा आशीर्वाद दिया है। अब बीजेपी का कर्तव्य है कि उसे जितना मिलना है, वह उससे ज्यादा इस वर्ग को लौटाए।
उन्होंने कहा आज कैबिनेट में 71 में से 27 मंत्री पिछड़े वर्ग से हैं। हरियाणा से भी दो पिछड़े वर्ग के मंत्री हैं। बीजेपी ने हमेशा ओबीसी समुदाय का सम्मान किया है। यहीं नहीं शाह ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को चुनौती देते हुए कहा जब-जब चुनाव आता है तब-तब आप ओबीसी-ओबीसी की माला जपते हैं। 1957 में जब काका कालेलकर कमीशन बना था तब कांग्रेस ने सालों तक उसे लागू नहीं किया। 1980 में इंदिरा गांधी ने मंडल कमीशन को ठंडे बस्ते में डाल दिया। लेकिन 1990 में जब इसे दोबारा लाया गया तो राजीव गांधी ने 2 घंटे 43 मिनट भाषण देकर ओबीसी आरक्षण का विरोध किया था। लेकिन बीजेपी ने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता देकर उन्हें संवैधानिक अधिकार देने का काम किया।