चुनाव 2024: पहली बार गैर कांग्रेसी जॉर्ज फर्नांडिस जीते चुनाव, अब है शिवसेना (UBT) का कब्जा, जानिए मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट का इतिहास

  • मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट पर 1967 में पहली बार जीता गैर कांग्रेसी
  • अब तक बीजेपी केवल दो बार जीती है चुनाव
  • मुंबई दक्षिण सीट पर इस बार सियासत जोरों पर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-06 15:38 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट का चुनाव पांचवे चरण में होना है। मुंबई दक्षिण संसदीय क्षेत्र धार्मिक महत्व वाली सीट है। यहां प्राचीन मुंबा देवी धाम है, जिसके नाम पर ही इस शहर का नाम मुंबई पड़ा। पर्यटन की दृष्टि से भी यह काफी अहम है। मरीन ड्राइव और गेटवे ऑफ मुंबई घूमने के लिए लोग यहां देश-विदेश से आते हैं। गेटवे ऑफ मुंबई को भारत का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है।  मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट 6 विधानसभा क्षेत्रों से मिलकर बनी है। इसमें वर्ली, मुंबादेवी, कोलाबा, बायकुला, शिवडी और मालाबार हिल शामिल हैं। आमतौर पर तो इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। लेकिन पिछले दो आम चुनावों से यहां शिवसेना का कब्जा है। शिवसेना अब दो गुटों में बंट चुकी है। वहीं, मुंबई दक्षिण से कांग्रेस से दो बार के सांसद रहे मिलिंद देवड़ा शिंदे गुट वाली शिवसेना में शामिल हो गए हैं। ऐसे में इस बार का चुनाव मुंबई दक्षिण सीट के लिए काफी रोचक होने वाला है। आज हम आपको मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास के बारे में बताएंगे। साथ ही, जानने की कोशिश करेंगे कि मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट के मरीन ड्राइव की पिच पर किसका पलड़ा भारी है। 

मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास

आजाद भारत में साल 1952 में मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट का पहला आम चुनाव हुआ था। तब कांग्रेस प्रत्याशी एस के पाटिल यहां से पहले सांसद के रूप में चुने गए थे। एस के पाटिल ने कांग्रेस के टिकट पर लगातार तीन लोकसभा चुनाव 1952, 1957 और 1962 में जीत हासिल की। इसके बाद 1967 में समयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के हाथों मुंबई दक्षिण में कांग्रेस को पहली हार मिली और जॉर्ज फर्नांडिस सांसद निर्वाचित हुए। हालांकि, 1971 के आम चुनाव में कांग्रेस वापसी करने में कामयाब रही और कैलाश नारायण नरूला सांसद बने।

जॉर्ज फर्नांडिस ने जीता चुनाव

साल 1967 के आम चुनाव में जॉर्ज फर्नांडिस ने भी चुनाव मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। जो बाद में चलकर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के रक्षा मंत्री भी बने। इस चुनाव में जॉर्ज फर्नांडिस ने कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी सदाशिव कानोजी पाटिल को शिकस्त दी थी। खास बात यह थी यह चुनाव जॉर्ज फर्नांडिस ने समयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर लड़ा था।

इमरजेंसी के बाद जनता पार्टी ने पहला चुनाव जीता

इमरजेंसी हटने के बाद साल 1977 में आम चुनाव हुए। इस चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा। केंद्र से कांग्रेस की सत्ता हटने के साथ साथ पार्टी को मुंबई दक्षिण में भी हार का मुंह देखना पड़ा। इस बार जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई और मुंबई दक्षिण से रतन सिंह राजदा सांसद बने। तीन साल बाद 1980 में फिर लोकसभा चुनाव हुए। इस बार भी जनता पार्टी को जीत मिली और रतन सिंह दोबारा सांसद बने।

मुरली देवड़ा जीते 4 चुनाव

साल 1984 में कांग्रेस पार्टी ने पहली बार मुरली देवड़ा को मुंबई दक्षिण से चुनावी मैदान में उतारा। चुनावी नतीजों में उन्हें जीत हासिल हुई। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर अगले दो चुनाव साल 1989 और 1991 में भी जीत हासिल की। साल 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृ्त्व में बीजपी ने वापसी की और मुंबई दक्षिण सीट से जयावंतीबेन मेहता सांसद निर्वाचित हुईं। दो साल बाद 1998 में कांग्रेस ने वापसी की और मुरली देवड़ा फिर सांसद चुने गए। 1999 में जयावंतीबेन मेहता ने दोबारा बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

मिलिंद देवड़ा ने कराई कांग्रेस की वापसी

साल 2004 में कांग्रेस पार्टी ने मुरली देवड़ा के बेटे मिलिंद देवड़ा को मुंबई दक्षिण से चुनावी मैदान में उतारा। उनका मुकाबला बीजेपी से दो बार की विजेता सांसद जयवंतीबेन मेहता से था। चुनावी नतीजों में कांग्रेस प्रत्याशी मिलिंद देवड़ा ने बीजेपी प्रत्याशी जयवंताबेन मेहता को 10 हजार 246 वोटों से हरा दिया। इस दौरान कांग्रेस प्रत्याशी मिलिंद देवड़ा को कुल 1 लाख 37 हजार 956 वोट मिले। वहीं, बीजेपी प्रत्याशी जयवंतीबेन मेहता को कुल 1 लाख 27 हजार 710 वोट मिले। इस चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर मिलिंद देवड़ा फिर से निर्वाचित हुए।

साल 2014 में शिवसेना की हुई एंट्री

साल 2014 के आम चुनाव में बड़ा उलटफेर देखने को मिला। क्योंकि इस बार यह सीट कांग्रेस के हाथों छिनकर शिवसेना के पास चली गई। 2014 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने मिलिंद देवड़ा पर ही भरोसा जताया था। वहीं, इस बार शिवसेना कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वंदी के रूप में मैदान में उतरी थी। शिवसेना से अरविंद सावंत मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में थे। चुनावी नतीजों में शिवसेना प्रत्याशी अरविंद सावंत ने कांग्रेस प्रत्याशी मिलिंद देवड़ा को 1 लाख 28 हजार 148 वोटों से हरा दिया। इस दौरान अरविंद सावंत को कुल 3 लाख 74 हजार 780 वोट मिले। वहीं, मिलिंद देवड़ा को 2 लाख 46 हजार 632 वोट ही मिल सके।

क्या रहा पिछले आम चुनाव का नतीजा?

साल 2019 में शिवसेना ने मुंबई दक्षिण सीट से दोबारा अरविंद सावंत को चुनावी मैदान में उतारा। वहीं, कांग्रेस ने मिलिंद देवड़ा को टिकट दिया। चुनावी नतीजों में शिवसेना प्रत्याशी अरविंद सावंत ने कांग्रेस प्रत्याशी मिलिंद देवड़ा को 1 लाख 67 वोटों से हरा दिया। इस दौरान अरविंद सावंत को कुल 4 लाख 21 हजार 937 वोट मिले। वहीं, मिलिंद देवड़ा को 3 लाख 21 हजार 870 वोट ही मिल सके।

इस बार ये नेता चुनावी मैदान में

आगमी लोकसभा चुनाव की तरीखों के ऐलान के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने मुंबई दक्षिण सीट से अपने सिटिंग सांसद अरविंद सावंत को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस व अन्य दलों ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। बता दें कि, मुंबई दक्षिण संसदीय क्षेत्र से पिछले चार में से दो चुनावों में कांग्रेस को जीत दिलाने वाले मिलिंद देवड़ा अब एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल हो गए हैं।

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