लोकसभा चुनाव 2024: पांचवें चरण में 49 सीटों पर ये फैक्टर तय करेंगे पार्टियों की हार-जीत का फैसला, जानिए कौन से हैं वो पांच फैक्टर

  • देश में 20 मई को लोकसभा चुनाव का पांचवा मतदान
  • 8 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों पर 695 कैंडिडेट्स
  • जानिए पांचवे चरण के पांच फैक्टर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-18 12:52 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के सात में से पांचवे चरण का मतदान 20 को होने वाला है। इस चरण में 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों पर वोटिंग होगी। जिसमें मतदाता कुल 695 कैंडिडेट्स के भाग्य का फैसला करेंगे।देखा जाए तो बीते चार चरण की तुलना में पांचवे चरण का मतदान खास होगा। वजह उत्तरप्रदेश की अमेठी सीट पर मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी, रायबरेली से राहुल गांधी और मुंबई नॉर्थ सीट से पीयू गोयल जैसे हाईप्रोफाइल प्रत्याशी की साख दांव पर लगना।

इसके अलावा जिन 49 सीटों पर मतदान होने वाला है। उनमें 12 सीटें वे है जो कई पार्टी का गढ़ बनी हुई है। इसका मतलब यह कि इन सीटों पर पिछले तीन लोकसभा चुनाव में एक ही पार्टी काबिज है। इनमें ओडिशा की सत्ताधारी बीजू जनता दल के पाले में अस्का और कंधमाल सीटे है। इसके अलावा महाराष्ट्र में धुले और डिंडोरी पर भाजपा और कल्याण सीट पर शिवसेना का दबदबा है।

झारखंड की बात करें तो यहां पर भाजपा फिर से हजारीबाग सीट पर अपनी जीत को रिपीट करना चाह रही है। जबकि, पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) हावड़ा, सीरमपुर और उरुबेरिया सीट पर काबिज हुई है। यूपी में लखनऊ और रायबरेली सीट भाजपा और कांग्रेस के पास है। इसके अलावा भाजपा के पास बिहार की मधुबनी सीट पर भाजपा काबिज है। इस वजह से यह सीटें काफी अहमियत रखती है।

जीत का रिकॉर्ड 

साल 2009 के लोकसभा चुनाव में इस बार के पांचवे चरण में शामिल 49 सीटों में से भाजपा ने 6 और कांग्रेस ने 14 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, पिछले दो चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी खराब साबित रहा। इसके बाद साल 2014 के चुनाव में कांग्रेस के खाते में इनमें से 2 सीटें ही आई। फिर, साल 2019 में पार्टी को केवल एक सीट पर जीत हासिल हुई थी। जबकि, भाजपा ने बीते दो लोकसभा चुनाव में शानदार वापसी की। भाजपा ने साल 2014 में 27 और साल 2019 में 32 सीटों को समेटने पर कामयाब रही।

वोट शेयर

साल 2019 में भाजपा ने 40 सीटों में से 30 पर जीत हासिल की थी। उस दौरान भाजपा का वोट शेयर 40 प्रतिशत से अधिक था। जबकि, कांग्रेस को 36 में से 17 सीटों पर जीत दर्ज हुई थी। जिसमें वोट शेयर 10 प्रतिशत से कम का था।

इस सीटों पर पार्टियां मजबूत

पिछले तीन में से दो आम चुनाव में जीते के रिकॉर्ड पर गौर करें, तो इसमें पांचवे चरण की 25 सीटों पर भाजपा मजबूत रही है। भाजपा की तुलना में कांग्रेस केवल दो सीटों पर मजबूत है।

4 सीटों पर जीत का कम-ज्यादा मार्जिन

बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा का चार सीटों पर जीत का मार्जिन 40 प्रतिशत से अधिक था। इस बार इन्हीं चार सीटों को पांचवे चरण में भी शामिल किया गया है। ये सीटें है बिहार की मधुबनी, महाराष्ट्र की मुंबई नॉर्थ, झारखंड की चतरा और हजारीबाग।

इसके अलावा पाचंवे चरण में अन्य चार सीटे पर जीत का मार्जिन साल 2019 के लोकसभा में कम था। इसमें यूपी की कौशांबी, ओडिशा की बोलंगीर, पश्चिम बंगाल की बैरकपुर और आरामबाग सीटे हैं। इन चार में से भाजपा ने तीन सीटों पर जीत हासिल की थी। आरामबाग सीट पर टीएमसी ने जीत दर्ज की थी।

4 स्विंग सीट

इस चरण में 49 सीटों में से कुछ पर हार-जीत की बाजी पलटने को दिख सकती है। इन सीटों में जम्मू-कश्मीर की बारामूला, ओडिशा की बरगढ़, महाराष्ट्र की पालघर और बिहार की सीतमढ़ी के नाम है।

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