राजस्थान सियासत: साइडलाइन किए जाने पर छलका पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का दर्द! कहा - 'सियासत में हर वक्त एक सा नहीं होता'

  • राजस्थान बीजेपी के नए अध्यक्ष का हुआ पदभार कार्यक्रम
  • सीएम भजनलाल शर्मा और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे समेत कई नेता रहे मौजूद
  • अपनी स्पीच में वसुंधरा राजे ने इशारों-इशारों में साधा निशाना

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-03 12:22 GMT

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने राजधानी जयुपर में एक कार्यक्रम में कुछ ऐसा कहा जिसके राजनीतिक जानकार अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सियासत में हर वक्त एक जैसा नहीं होता है। दरअसल, शनिवार को राजस्थान बीजेपी में एक नए युग की शुरुआत हुई। मदन राठौड़ को बीजेपी का नया प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। पदभार ग्रहण कार्यक्रम में सीएम भजनलाल समेत प्रदेश बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने अपना संबोधन दिया। लेकिन पूरा मजमा लूटा पूर्व सीएम और वर्तमान में बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे की स्पीच ने।

कार्यक्रम में उपस्थित पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राजे ने कहा 'राजनीति का दूसरा नाम उतार-चढ़ाव है। हर व्यक्ति को इस दौर से गुजरना पड़ता है। हर व्यक्ति के जीवन में पद, मद और कद... इन तीन चीजों पर यान देने की जरूरत है। पद और मद स्थायी नहीं है। स्थायी है तो सिर्फ कद। अगर आप अच्छा काम करते हो तो लोग आपको याद करते हैं, जिससे कद बना ही रहता है।'

'पद' का 'मद' कम कर देता है 'कद'

पूर्व सीएम ने कहा कि यदि पद का मद हो जाए तो इंसान का कद अपने आप कम हो जाता है। आज के समय में ऐसा होना आम बात है। इस दौरान उन्होंने नवनियुक्त पार्टी अध्यक्ष मदन राठौर का जिक्र कर कहा कि उन्हें भरोसा है कि मदन राठौड़ कभी पद का मद नहीं करेंगे। ऐसे ही व्यक्ति की पार्टी को जरुरत थी। उन्होंने कहा, 'मेरी नजर में सबसे बड़ा पद जनता का प्यार और विश्वास है, जिसे आपसे कोई नहीं छीन सकता।'

इसके साथ ही राजे ने कहा कि राठौड़ की राह आसान नहीं होगी। पार्टी कार्यकर्ताओं को संभालना आसान बात नहीं है। हमारा नारा है 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास'। जिसको पूरा करने में कई लोग पहले असफल रहे हैं।

बता दें कि राजस्थान का सीएम न बनाए जाने और राज्य के साथ केंद्र सरकार में कोई पद मिलने से वसुंधरा राजे नाराज बताई जा रही हैं। पिछले साल हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले ही पार्टी आलाकमान ने राजे को सीएम चेहरे के रूप में पेश नहीं किया था। वहीं, चुनाव में जीत हासिल करने के बाद उनकी जगह पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को सीएम बना दिया था। इसके अलावा चुनाव में उनके समर्थकों के टिकट काटे गए, जिससे राज्य की सियासत में काफी हलचल मची। राजनीतिक जानकार उनके आज दिए बयान को इन्हीं घटनाक्रमों से जोड़कर देख रहे हैं।

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