लोकसभा चुनाव 2024: अमेठी संसदीय सीट का चुनावी अतीत
- 1967 में अस्तित्व में आई अमेठी
- इमरजेंसी विरोधी लहर में संजय गांधी चुनाव हारे
- 1984 में गांधी परिवार के दो सदस्य आमने-सामने
डिजिटल डेस्क, अमेठी। 80 लोकसभा सीट वाले उत्तरप्रदेश में शामिल अमेठी संसदीय क्षेत्र 1967 में अस्तित्व में आई। 1977 में अमेठी लोकसभा सीट से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी ने चुनाव लड़ा। आपातकाल की विरोधी लहरों के चलते कांग्रेस के संजय गांधी को जनता पार्टी के रवींद्र प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से चुनाव हार गए थे।
लेकिन 1980 के लोकसभा चुनाव में संजय गांधी ने रवींद्र को मात दी थी। संजय गांधी की मौत के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में राजीव गांधी कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे और जीते। 1984 आम चुनाव में अमेठी से गांधी परिवार के दो सदस्य राजीव गांधी और मेनका गांधी आमने-सामने थे। तब राजीव गांधी ने बड़ी जीत हासिल की थी। यहीं नहीं इसके बाद 1989 के आम चुनाव में राजीव गांधी फिर इस सीट से निर्वाचित हुए थे। लेकिन राजीव गांधी की हत्या के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर कैप्टन सतीश शर्मा यहां से सांसद चुने गए। 1996 के चुनाव में भी कांग्रेस ने जीत हासिल की।
1998 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के डॉक्टर संजय सिंह ने कांग्रेस के कैप्टन सतीश को 23 हजार वोट से अधिक के मतों से मात दी थी। 1999 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस सीट से चुनावी डेब्यू किया और वे पहली बार जीतकर संसद पहुंचीं थी।अगली बार कांग्रेस ने 2004 के चुनाव में सोनिया गांधी की जगह उनके बेटे राहुल गांधी को मैदान में उतारा था। 2004 से 2014 तक अमेठी सीट से लगातार तीन चुनाव जीतकर राहुल गांधी संसद पहुंचे लेकिन 2019 में बीजेपी की स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के राहुल गांधी को हराकर दूसरी बार अमेठी से बीजेपी के कमल को खिला दिया था। अबकी चुनाव में देखना है कि क्या स्मृति ईरानी दूसरी बार लगातार कमल को खिलाने में कामयाब हो सकती है या नहीं।