विधानसभा चुनाव 2023: वसुंधरा राजे की 'दादागिरी' खत्म करने की कोशिश, बीजेपी ने काटे कई समर्थकों के टिकट, क्या पार्टी में खत्म होगा एक रानी का 'युग'?

राजस्थान में बीजेपी की नई रणनीति

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-13 05:49 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर इस बार बीजेपी पूरी तरह से सतर्क नजर आ रही है। केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा तारीखों का ऐलान किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। हालांकि, इस लिस्ट के आने के तुरंत बाद प्रदेश की सियासत में अटकलों का बाजार गर्म हो गया। सियासी जानकारों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जिन नेताओं की पैरवी कर रहीं थीं, पार्टी आलाकमान ने उन नामों को अनदेखा कर दिया है। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश के नेताओं को तवज्जो देने के बजाय खुद के सर्वे के आधार पर निर्णय लिया है। ऐसे में आइए समझने की कोशिश करते हैं कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी नेताओं का टिकट काटकर बीजेपी ने क्या संदेश देने की कोशिश की है और पार्टी के इस फैसले का असर आने वाले विधानसभा चुनाव में क्या पड़ने वाला है?

हाल ही में बीजेपी राजस्थान के लिए 41 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी। यह लिस्ट लगभग मध्य प्रदेश में आए दूसरी सूची के तर्ज पर तैयार किया गया है। पार्टी ने राजस्थान में भी 7 सांसदों को मौका देकर नया दांव चला है। इसके अलावा पार्टी ने राजस्थान की दूसरी लिस्ट में कुल 41 उम्मीदवारों में से 21 नए चेहरे शामिल किए हैं। खास बात यह है कि 41 में से 39 सीटें ऐसी है कि जहां पार्टी को पिछली बार हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, 11 सीटें ऐसी है कि जहां पार्टी को पिछले तीन विस चुनावों से जीत नहीं मिली है। पार्टी की 41 उम्मीदवारों में से 6 एससी, 9 एसटी और 26 सामान्य वर्ग के नेता शामिल हैं। इस लिस्ट में 6 महिला उम्मीरवारों को भी मौका दिया है।

पार्टी ने जिन सांसदों को टिकट दिया है। उसमें राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा को सवाई माधोपुर, सांसद (राजसमंद) दीया कुमारी को विद्याधर नगर, सांसद भागीरथ चौधरी को किशनगढ़, सांसद बालकनाथ को तिजारा, सांसद (झुंझुनूं) नरेंद्र कुमार को मंडावा, सांसद (जयपुर ग्रामीण) राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को झोटवाड़ा और सांसद (जालोर-सिरोही) देवजी पटेल सांचौर से चुनाव लड़ते नजर आएंगे।

इन नेताओं का कटा टिकट

पार्टी ने राजपाल सिंह शेखावत और नरपत सिंह राजवी को टिकट नहीं दिया है। ये दोनों नेता वसुंधरा राजे के समर्थक माने जाते हैं। नरपत सिंह राजवी पूर्व उपराष्ट्रपति और बीजेपी के वरिष्ठ नेता भैरोसिंह शेखावत के दामाद हैं। नरपत जयपुर की विद्याधर नगर सीट से कई बार विधायक रह चुके हैं। पिछले विस चुनाव में इन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल को चुनावी मैदान में पटखनी दी थी।

इसके अलावा वसुंधरा की ओर से एक और नेता राजपाल सिंह शेखावत की जगह पर पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को टिकट दिया गया है। इसके अलावा पार्टी ने गोलमा देवी, रामस्वरूप कोली, खेमाराम मेघवाल, कालूलाल गुर्जर, अलका सिंह गुर्जर, अनिता सिंह को भी इस चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया है।

लिस्ट में छिपे हैं कई संदेश

राजस्थान के स्थानीय पत्रकार ने एबीपी को बताया कि पहली लिस्ट से साफ हो गया है कि पार्टी संगठन के प्राथमिकता के आधार पर चुनाव लड़ने जा रही है। साथ ही पार्टी ने यह भी संदेश दिया है कि चुनाव में संगठन ही मुख्य भूमिका में रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने संगठन सर्वे के आधार पर भी टिकट बांटा है न कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पैरवी के आधार पर।

राजस्थान में 19 ऐसी सीटें हैं जहां बीजेपी को पिछले तीन चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी ने पहली लिस्ट में इस 19 में से 11 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। ऐसे माना जा रहा है कि इस चुनाव में ये सभी उम्मीदवार कांग्रेस प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।

पिक्चर साफ करने की कोशिश में जुटी बीजेपी

इसके अलावा सहाड़ा, झुंझुनूं में कुछ ऐसी विधानसभा सीटें जहां पार्टी को पिछले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। यहां संगठन लगातार हार के कारणों का हल निकालकर पार्टी को जीत दिलाने में जुटी हुई है। बीजेपी इन सीटों पर संगठन से जुड़े हुए लोगों की ही मौका दे रही है। 

पार्टी का संदेश साफ है कि राजस्थान में चेहरा वसुंधरा राजे नहीं बल्कि कमल है। हाल ही में पीएम मोदी ने भी इस बात की ओर इशारा किया है। इस माह की शुरुआत में पीएम मोदी ने चित्तौड़गढ़ के सांवरियासेठ में एक जनसभा को संबोधित किया था। जहां पर पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ एक ही चेहरा है और वह है कमल, हमारा उम्मीदवार सिर्फ कमल है, इसलिए एकजुटता से कमल को जिताने की कोशिश करें। इसके बाद राजस्थान में पार्टी की पहली लिस्ट देखकर साफ हो गया है कि बीजेपी वसुंधरा राजे को इस चुनाव में साइडलाइन करके चलने का काम कर रही है। 

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