चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव 2024: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले चंडीगढ़ के मेयर मनोज सोनकर ने दिया इस्तीफा, आज होनी है सुनवाई

  • चंडीगढ़ के मेयर मनोज सोनकर ने पद दिया इस्तीफा
  • आज सुप्रीम कोर्ट में होगी मामले की सुनवाई
  • कांग्रेस-आप गठबंधन के नेताओं ने चुनाव में लगाया था धांधली का आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-18 19:04 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हुआ था। जिसमें आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की ओर से धांधली का आरोप लगाया गया था। इस मामले को लेकर आप नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन कोर्ट में सुनवाई से ठीक पहले रविवार को बीजेपी के पार्षद मनोज सोनकर ने मेयर पद से इस्तीफा दे दिया है। सोमवार को उच्च अदालत में चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन के रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर लगे आरोपों पर सुनवाई होने वाली है। 

यह सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में होगी। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट में आप-कांग्रेस गठबंधन से मेयर पद के उम्मीदवार रहे कुलदीप कुमार ने याचिका दायर की थी। मेयर पद के उम्मीदवार ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर मतगणना के दौरान धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

इससे पहले 5 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में चंडीगढ़ मेयर चुनाव में निर्वाचन अधिकारी की तरफ से धांधली के आरोप पर चर्चा हुई थी। इस दौरान सीजेआई को चुनाव का एक वीडियो दिखाया गया था। वीडियो देखने के बाद सीजेआई ने कहा कि अधिकारी मतपत्र कैसे खराब कर सकता है? उस पर मुकदमा चलना चाहिए। 

गौरतलब है कि 30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव का एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें मेयर इलेक्शन के रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह मतगणना कर रहे हैं। आप-कांग्रेस गठबंधन के नेताओं का आरोप हैं कि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह गलत तरीके से मतगणना की है। 

 सुप्रीम ने 5 फरवरी को कहा कि जरूरत पड़ेगी तो फिर चुनाव होंगे। मतपत्र और मतदान का वीडियो हाई कोर्ट को सौंप दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्वाचन अधिकारी को पेश होकर अपने आचरण पर सफाई देने को कहा है। 

AAP पार्षद की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को मतगणना के दौरान का सीसीटीवी फुटेज सौंपा था। जिसको देखने के बाद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या हुई है। क्या यह एक रिटर्निंग ऑफिसर का व्यवहार है, जो कैमरे की ओर देखकर बैलेट को अव्यवस्थित यानी बिगाड़ रहे हैं। सजा मिलनी चाहिए।

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