विशेष सत्र: गणेश चतुर्थी के दिन नए संसद भवन में शिफ्ट हो सकता है विशेष सत्र!
- 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र
- केंद्र सरकार ने जारी किया संसद का विशेष सत्र
- 75 सालों में संसद की यात्रा पर चर्चा
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। 18 से 22 सितंबर तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र का प्रस्तावित एजेंडा बुधवार को केंद्र सरकार ने जारी कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से बताया गया है कि सत्र के पहले दिन संविधान सभा से लेकर आज तक संसदीय यात्रा पर लोकसभा और राज्यसभा में 75 सालों में संसद की यात्रा पर चर्चा होगी। वहीं सत्र के दौरान चार विधेयकों को भी दोनों सदनों में पेश किया जाएगा। जिनमें अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023,प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 को लोकसभा में और डाकघर विधेयक, 2023 व मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 को राज्यसभा में पेश किए जाएंगे। विपक्ष भी कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विशेष सत्र पुराने संसद भवन में शुरू होगा, अगले दिन गणेश चतुर्थी के दिन नए संसद भवन में शिफ्ट हो जाएगा।
आपको बता दें मानसून सत्र में 3 अगस्त को अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023 और प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 राज्यसभा से पारित हो चुके है।जबकि डाकघर विधेयक, 2023 व मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 राज्यसभा में 10 अगस्त को पेश किए गए थे, जिन पर अब विशेष सत्र के दौरान चर्चा होगी।
केंद्र सरकार की तरफ से बुलाए जा रहे पांच दिवसीय विशेष सत्र को लेकर विपक्षी दल लगातार निशाना साध रहे थे। मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र शुरू होने से एक दिन पहले 17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि बैठक में शामिल होने के लिए विपक्षी दलों के सभी नेताओं को ई-मेल के जरिए निमंत्रण भेजा गया है। 18 से 22 सितंबर तक संसद के विशेष सत्र की घोषणा 31 अगस्त को प्रल्हाद जोशी ने की थी। उस समय, इसके लिए एजेंडा गुप्त था, जिससे विपक्ष की ओर से अटकलें और आलोचना शुरू हो गई थी।
विपक्ष सत्र को लेकर एजेंडा की मांग कर रहा था। इससे पहले सत्र में एक राष्ट्र, एक चुनाव' और देस का नाम इंडिया से बदलकर भारत करने की अटकलें लगाई जा रही थीं। लेकिन अब केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित एजेंडा जारी करने के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया । हालांकि अभी भी विपक्षी दल केंद्र सरकार पर पर्दे के पीछे कुछ और है का आरोप लगा रहे है। इसे लेकर कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, "आखिरकार सोनिया गांधी द्वारा पीएम को लिखे गए पत्र के दबाव में मोदी सरकार ने 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के 5 दिवसीय विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा करने की कृपा की है. फिलहाल जो एजेंडा प्रकाशित किया गया है, उसमें कुछ भी नहीं है। इन सबके लिए नवंबर में शीतकालीन सत्र तक इंतजार किया जा सकता था। मुझे यकीन है कि सदन में हमेशा की तरह आखिरी क्षण में नए मुद्दे आने को तैयार हैं. परदे के पीछे कुछ और है!
Finally, after pressure from Smt. Sonia Gandhi's letter to the Prime Minister, the Modi Govt has condescended to announce the agenda for the special 5-day session of Parliament beginning September 18th.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 13, 2023
The agenda as published at the moment, is much ado about nothing — all this… pic.twitter.com/1y1U6bqkBH