विधानसभा चुनाव 2023: बीजेपी की चुनावी रणनीति सामूहिक नेतृत्व, शिवराज या डमी सीएम
- मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023
- बीजेपी की चुनावी रणनीति
- बीजेपी काी दूसरी सूची
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वैसे तो राजनीति में कहा जाता है कि कोई किसी का खास नहीं होता है, लेकिन दिग्गज नेताओं के साथ किसी की तस्वीर, आगमन ,स्वागत और आशीर्वाद किसी को भी खास बना देती है। इन्हीं खास तस्वीरों और आशीर्वाद से मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे नजर आते है। समर्थित कार्यकर्ता चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी चेहरे को सीएम का चेहरा मानने लग जाते है और सड़क पर नारा लगाने लग जाते है कि सीएम चेहरा कैसा हो..?.। केंद्रीय मंत्री तोमर, पटेल, कुलस्ते और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को विधानसभा चुनाव में उतारकर बीजेपी ने राजनीतिक बाजी जीतने के साथ-साथ मुख्यमंत्री पद की रेस को दिलचस्प बना दिया है।
साल के अंतिम महीनों में होने वाले विधानसभा सभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 39 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है, जिसमें पार्टी ने 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को चुनाव मैदान में उतार कर अपनी आगे की रणनीति साफ कर दी है। चुनाव जीतने के लिए पार्टी विधानसभा चुनाव में दिग्गजों को झोंकने जा रही है। खबरों के मुताबिक सूची में कुछ नाम ऐसे बताए जा रहे है जिन्हें सीएम का चेहरा बताया जा रहा है। हालांकि आधिकारिक तौर पर बीजेपी पार्टी ने हर बार की तरह अभी तक मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान नहीं किया है। इसका आरोप कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी लगा चुके है।
मुख्यमंत्री चेहरों को लेकर जनता के बीच जो नाम सुर्खियां बंटोर रहे है, उनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के नाम शामिल है। बीजेपी की दूसरी सूची में शामिल इन दिग्गजों के नाम ने भले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की टेंशन बढ़ा दी है। लेकिन बीजेपी ये कतई नहीं चाहेगी कि बीजेपी शिवराज सिंह चौहान को सीएम रेस से बाहर करें। क्योंकि शिवराज सिंह अगर सीएम बनते है तो उनके नाम एक बड़ा रिकॉर्ड होगा। वो बीजेपी के सबसे लंबे समय तक सीएम बने रहने का रिकॉर्ड बना सकते है। जो बीजेपी के लिए ऐतिहासिक होगा। अबकी बार बीजेपी ने सीएम बनने का विकल्प खुला रखा है और चुनाव जीतने के बाद किसी भी नेता की लॉटरी लग सकती।
आपको बता दें अभी तक चुनावों में आपने चुनावी प्रत्याशी के रूप डमी कैंडिडेट सुना होगा, लेकिन समाचार की सुर्खियों में इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की रणनीति में डमी सीएम सुनने को मिल सकता है। बीजेपी विधानसभा चुनाव जीती तो इस बार सीएम पद की रेस में कई चेहरे नजर आएंगे। कांग्रेस की तर्ज पर ही बीजेपी ने इस बार किसी भी नेता को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया है। बीजेपी ने सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला किया है और नतीजे के बाद मुख्यमंत्री का फैसला होगा।
सीएम चेहरों में सामान्य वर्ग से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना की दिमनी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में है, ओबीसी वर्ग से केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल नरसिंहपुर सीट से प्रत्याशी बनाए गए है। अनुसूचित जनजाति वर्ग से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते निवास सीट से उम्मीदवार घोषित किए गए है।बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शुमार राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर-1 विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है।
मध्यप्रदेश की सियासत में समय समय पर एसटी और एससी मुख्यमंत्री बनाने की मांग जोर शोर से उठी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चौंकाने वाले निर्णयों से अपने विपक्षियों की आश्चर्यचकित कर देते है। देश के राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने अनुसूचित जनजाति महिला को मौका देकर अपने विरोधियों की बोलती बंद कर दी थी। अब आने वाले समय में प्रदेश में इन वर्गों के चेहरे को मौका देकर बीजेपी अपनी आगामी रणनीति और भविष्य की सियासी लड़ाई को आसान बनाने की भरपूर कोशिश करेगी।