जम्मू कश्मीर में शोक की लहर: नहीं रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र सिंह राणा, 59 साल की उम्र में ली अंतिम सांस, नगरोटा सीट से थे विधायक
- जम्मू कश्मीर में दौड़ी शोक की लहर
- भाजपा के दिग्गज नेता देवेंद्र सिंह राणा का निधन
- 59 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में भाजपा के वरिष्ठ नेता और नगरोटा विधानसभा सीट से 59 वर्षीय मौजूदा विधायक देवेंद्र सिंह राणा का निधन हो गया है। उत्तरप्रदेश के फरीदाबाद के एक हॉस्पिटल में भाजपा विधायक को भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट पर नगरोटा सीट से जीत दर्ज की थी। जो उनके राजनीतिक करियर की सबसे बड़ी जीत साबित हुई। बीतो दिनों पहले ही राणा को सदन में दल के नेता के तौर पर चुना जाना था। 2014 के विधानसभा चुनाव में घोषित संपत्ति के अनुसार, राणा सबसे अमीर कैंडिडेट थे। जम्मू कश्मीर की सियासत में राणा काफी बड़ा नेता थे। वह केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह के भाई थे। जीतेंद्र सिंह राणा के निधन पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, एलजी मनोज सिन्हा से लेकर कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
राणा के निधन पर भावुक हुए नेता
राजनीति के सक्रिय रहने के अलावा देवेंद्र सिंह राणा एक कामयाब बिजनेसमैन भी थे। उन्होंने जम्मू कश्मीर में प्राइवेट मार्केट को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई थी। एक समय पहले राणा मारुति कार के टॉप सेलर के तौर पर भी उभरे थे। उन्होंने जमकाश व्हीकलडेज की स्थापना की थी। इसके अलावा राणा ने जम्मू कश्मीर में टेकवन टीवी की शुरुआत की थी। यह डीटीएच सेवा आज भी सक्रिय है। कुछ सालों से राणा का स्वास्थ्य सही नहीं चल रहा था। बीते छह महीने में उनका वजन काफी घट गया था। उनका लंबे समय से इलाज जारी थी। जीतेंद्र राणा के निधन पर कई राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है। जम्मू कश्मीर में भाजपा प्रवक्ता साजिद यूसुफ ने कहा कि सूब में राणा एक प्रमुख राजनीतिक चेहरा थे। उनके निधन से राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई है। जम्मू कश्मीर में राणा के योगदान और उनके कार्य को याद करते हुए भाजपा के कई कार्यकर्ता और उनके समर्थन भावुक हो गए हैं। इसके अलावा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की चीफ महबूबा मुफ्ती ने भी राणा के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
जीतेंद्र सिंह राणा का राजनीतिक सफर
जीतेंद्र सिंह राणा ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत नेशनल कॉन्फ्रेंस से की थी। वह उमर अब्दुल्ला के करीबी रहे थे। इससे पहले जब उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री थे। तब वह राणा उनके सलाहकार रहे थे। इसके बाद जीतेंद्र सिंह राणा ने भाजपा में शामिल हो गए थे। जम्मू कश्मीर की राजनीति में उनकी छवि एक प्रभावशाली व्यक्ति के तौर पर रही थी। जीतेंद्र राणा का जन्म जम्मू के डोडा जिले में हुआ था। राजनीति में आने से पहले वह एक व्यवसायी थे। जीतेंद्र सिंह राणा के पिता राजिंदर सिंह राणा पूर्व ब्यूरोक्रेट रह चुके हैं। उनके ससुर एसएस बालोरिया चीफ सेक्रेटरी थे। राणा ने अपने पढ़ाई एनआई कुरुक्षेत्र से की थी। वह सिविल इंजीनियरिंग ग्रेजुएट थे।