बुलडोजर एक्शन पर बवाल: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहराइच में बुलडोजर एक्शन पर योगी सरकार से पांच दिनों में चार बिंदुओं पर मांगा जवाब

  • अदालत ने चार बिंदुओं पर मांगा जवाब
  • इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मांगा जवाब
  • केस की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-06 13:35 GMT

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने आज बुधवार को उत्तरप्रदेश के बहराइच में बुलडोजर एक्शन पर पांच दिनों का समय दिया है। इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश एआर मसूदी और न्यायाधीश सुभाष विद्यार्थी की बेंच कर रही है। केस की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ सिविल राइट्स संस्था की तरफ से लगाई गई जनहित याचिका में बहराइच में जारी बुलडोजर एक्शन नोटिस को कैंसिल करने की मांग की गई थी।

बहराइच के महाराजगंज के महसी में हुई हिंसा के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से 23 घरों पर बुलडोजर एक्शन के नोटिस चस्पा किए गए। सुनवाई के दौरान पता चला कि सरकार मामले में अपना जवाब पेश कर चुकी है। कोर्ट ने अगली तारीख तक चार बिंदुओं में अपना जवाब दाखिल करने का वक्त दिया है। 

आपको बता दें कोर्ट ने राज्य सरकार से सुनवाई के दौरान के चार बिंदुओं पर जवाब दाखिल करने को कहा है।  उच्च न्यायालय की बेंच ने पूछा क्या नोटिस जारी करने से पहले नोटिस चस्पा वाले स्थान का कोई सर्वे किया या नहीं? कोर्ट ने आगे कहा जिनके यहां नोटिस चस्पा किए है वे लोग निर्मित आवासों के स्वामी हैं या नहीं?  नोटिस जारी करने वाला अधिकारी सक्षम अधिकारी है या नहीं? मकान गिराने वाले नोटिस में निर्माण  का पूरा हिस्सा गिराना है या कुछ हिस्सा, क्या वह अवैध है? न्यायालय ने पिटीशनकर्ता को नोटिस के खिलाफ आपत्ति जारी करने का भी निर्देश दिया है।

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