सरकार v/s मदरसा: असम में सरकारी मदरसों को बंद करने के खिलाफ कोर्ट जाएंगे अजमल

  • एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल का बड़ा बयान
  • मदरसा बोर्ड के तहत असम में 610 स्कूल संचालित
  • सामान्य स्कूलों में बदलने का मार्ग प्रशस्त किया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-24 10:51 GMT

डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी।ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा है कि वह राज्य संचालित मदरसों को बंद करने के असम सरकार के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे। धुबरी के मौजूदा सांसद ने उम्मीद जताई कि शीर्ष अदालत असम में सभी बंद मदरसों को फिर से खोलने का आदेश देगी।

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट चीफ अजमल ने मंगलवार को एक चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी मदरसों को बंद करने का ऐलान किया और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस रवैए की निंदा। एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने आगे कहा कि असम सरकार के मदरसों के बंद करने के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाएंगे और वहां से आदेश लेंगे।

सरकारी समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा के मुताबिक इससे पहले अप्रैल 2021 में, मदरसा बोर्ड के तहत सभी 610 राज्य संचालित मदरसों को उच्च प्राथमिक, उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में बदल दिया गया।जिसमें शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की स्थिति, वेतन, भत्ते और सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं हुआ था।असम में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली पहली सरकार के इस कदम ने सभी राज्य-वित्त पोषित मदरसों को बंद करने और उन्हें सामान्य स्कूलों में बदलने का मार्ग प्रशस्त कर दिया।(भाषा)

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