लोकसभा चुनाव 2024: यूपी, बिहार की लोकसभा सीटों पर AIMIM की नजरें, ओवैसी के सियासी दांव से इंडिया गठबंधन की बढ़ सकती है मुश्किलें
- देश में जल्द होने वाले हैं लोकसभा चुनाव
- उत्तरप्रदेश और बिहार में एआईएमआईएम पार्टी उतारेगी केंडिडेट
- इंडिया गठबंधन का बढ़ेगा टेंशन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के आगाज होने में कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। आगामी चुनाव में केंद्र सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन का गठन किया गया था। मगर, विपक्षी दलों के बीच चुनाव में सीट शेयरिंग पर बात न बनने से नीतीश कुमार और जयंत चौधरी ने गठबंधन का साथ छोड़ दिया था। इसके बाद बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो गए थे। इसके अलावा यह दोनों ही नेता इंडिया एलायंस की कई बैठकों में शामिल भी हुए थे। इस बात से इंडिया गठबंधन परेशान नजर आ रहा है। इस बीच अब विपक्षी के एलयांस पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी उसकी राह में कांटे बो सकते हैं। दरअसल, ओवेसी की पार्टी उत्तरप्रदेश और बिहार की लोकसभा सीटों पर नजरे जमाए हुई दिखाई दे रही हैं। एआईएमआईएम पार्टी सूत्रों के अनुसार, उत्तरप्रदेश के बरेली, रामपुर, संभल और मुरादाबाद पर जल्द उम्मीदवारों का ऐलान कर सकती है। साथ ही, पार्टी ने बिहार के सीमांचल सीट पर दोबारा अपने उम्मीदवार को उतारने का विचार किया है।
ओवैसी खेल सकते हैं बड़ा सियासी दांव
बता दें, इस सीट पर पार्टी पहले भी उम्मदीवार की घोषणा कर चुकी है। लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन मुस्लिम वोटों को अपने पाले में लाने के लिए पूरा फोकस कर रही है। इसी बीच माना जा रहा है कि एलायंस की रणनीति को विफल करने के लिए ओवैसी बड़ा सियासी दांव खेल सकते है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यूपी की लगभग 20 लोकसभा सीटों पर ओवैसी की पार्टी अपने कैंडिटे्स का ऐलान करने वाली है। जिसमें से पार्टी की नजर पश्चिम यूपी, पूर्वांचल और रुहेलखंड सीटों पर टिकी हुई है। इसके अलावा बिहार की 7 सीटों पर भी पार्टी की ओर से उम्मीदवार उतारने की खबरें चल रही हैं। गौरतलब है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार की केवल एक सीट पर एआईएमआईएम चुनावी मैदान में उतरी थी। इसके अलावा महाराष्ट्र की औरंगाबाद सीट पर ओवैसी की पार्टी जीत दर्ज करने में सफल रही थी। ऐसे में पार्टी एक बार फिर से इस सीट पर जीत रिपीट करने की तैयारी में जुट गई है।
एआईएमआईएम पार्टी का होगा विस्तार
एआईएमआईएम को लेकर खबरे हैं कि वह महाराष्ट्र में मुंबई और मराठवाड़ा की सीट पर चुनाव लड़ने वाली है। इतना ही नहीं, पार्टी ने तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से बाहर विस्तार करने की रणनीति बनाई है। पार्टी सूत्रों की मानें तो तेलंगाना की सिकंदराबाद सीट पर उम्मीदवार उतारने की संभावना जताई जा रही है। उधर, पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी की टेंशन कम हो सकती हैं। क्योंकि बंगाल की एक भी सीट पर एआईएमआईएम चुनाव नहीं लड़ रही हैं। इससे पहले साल 2021 में बंगाल के विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने प्रत्याशियों को उतारा था। पार्टी के अंदरखाने से खबरे हैं कि औवेसी बिहार के सीमांचल क्षेत्र में पार्टी के जनाधार जुटाने का प्रयास कर रही है। बता दें, साल 2019 के लोकसभा चुनाव में ओवैसी ने हैदराबाद सीट पर जीत दर्ज की थी। इसके अलावा महाराष्ट्र की औरंगाबाद सीट पर इम्तियाज जलील ने जीत हासिल की थी।
कांग्रेस को बिहार की एक सीट पर मिली थी जीत
साल 2019 में बिहार की किशनगंज सीट पर एआईएमआईएम के उम्मदीवार अखतर-उल-इमान ने 3 लाख से अधिक वोटों पर जीत दर्ज की थी। वह राज्य में सबसे ज्यादा वोट से जीतने वाले प्रत्याशियों में तीसरे स्थान पर थे। बिहार में कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन वाले एक प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी। राज्य की इसी सीट को जीतने में कांग्रेस सफल रही थी। इस सीट पर ओवैसी की पार्टी फिर से अपने उम्मीदवार उतारने जा रही है। जिससे कांग्रेस का टेंशन बढ़ सकता है। पिछले चुनावों के आंकड़े से पता चलता है कि उत्तर भारत में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आरजेडी जैसे दलों की कोशिश मुस्लिम वोट को साधने की रहती है। यदि यहां ओवैसी अपनी पार्टी के कैंडिडेट उतारते हैं, तो इन सभी पार्टियों के मुस्लिम वोट बैंक से चुनावी समीकरण में बड़ा उलटफेर हो सकता है।