यूपी विधानसभा उपचुनाव: UP में होने वाला है बड़ा खेला! लखनऊ में RSS- भाजपा की मीटिंग, ये 5 नेता भी रहेंगे मौजूद

  • यूपी में सियासी हलचल तेज
  • भाजपा आरएसएस की बैठक
  • 5 नेता भी होंगे शामिल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-19 06:00 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश के राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी तेज है। लखनऊ में 20 से लेकर 21 जुलाई के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा की संयु्क्त बैठक होने जा रही है। यह बैठक आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार के नेतृत्व में आयोजित होगी। इस दौरान सरकार से लेकर संगठन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। बता दें, पिछले कुछ दिनों से यूपी की राजनीति में बड़े बदलाव आने की खबरों से अटकलों का बाजार गरमाया हुआ है। लखनऊ में आयोजित होने वाली इस बैठक में पांच अहम नेताओं को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। इन पांच नेताओं में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह के नाम शामिल हैं।

इस मुद्दे पर होगी भाजपा-आरएसस की बैठक?

सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में आरएस और भाजपा के बीच उत्तरप्रदेश के जमीनि स्थिति पर मंथन होने की संभावना है। आपको बता दें, यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर आगामी उपचुनाव के मध्य यह बैठक बुलाई गई है। इस लिहाज से बैठक में उपचुनाव पर भी चर्चा होने की उम्मीद जताई जा रही है। संगठन से नाराजगी के चलते यह बैठक काफी मायने रखती है।

योगी-मौर्य तैयारियों में जुटे

इस बैठक को लेकर सीएम योगी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी तैयारियों में जुट गए हैं। इस वजह से केशव मौर्य को प्रयागराज का दौरा स्थागित करना पड़ा है।

लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था। इसके बाद से ही राज्य की सत्ता की बागडोर डगमगा रही है। जिसके चलते नेताओं के बीच नोकझोंक देखने को मिल रही है। जिस पर विपक्ष तंज करने से पीछे नहीं हट रहा है। इस कड़ी में समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साध रहे हैं।

अखिलेश यादव ने एक्स पर किया था ट्वीट

यूपी में भाजपा की अंदरूनी फूट की अटकलों पर अखिलेश यादव ने एक्स पर ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा, "मानसून पेशकश है-100 लाओ और सरकार बनाओ।" सपा सुप्रीमो के इस पोस्ट को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की तरफ इशारा किया जा रहा है। जिसका मतलब यह है कि यदि मौर्या 100 नेताओं का समर्थन प्राप्त कर लेते हैं, तो सपा की ओर से उन्हें मुख्यमंत्री पद का समर्थन मिल सकता है।

इसके अलावा अखिलेश यादव ने यह भी कहा था, "बीजेपी की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में उत्तर प्रदेश में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है। तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम बीजेपी दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसीलिए बीजेपी अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है।"

अखिलेश के बयान पर मौर्य का पलटवार

अखिलेश के इस बयान पर केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया था। उन्होंने सपा सुप्रीमो पर तंज कसते हुए कहा था कि उन्हें सपा बहादुर के नाम से बुलाया गया था। मौर्य ने कहा था कि केंद्र से लेकर यूपी तक भाजपा मजबूत सरकार है। यूपी में साल 2017 की तर्ज पर हम साल 2027 में भी सरकार बनाने वाले है। 

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