किसान आंदोलन: चुनाव से ऐन पहले क्यों भड़के किसान? इन मांगों से समझिए नाराजगी का कारण

  • दिल्ली की ओर बढ़े किसान
  • दिल्ली से लगनी वाली सभी सीमाओं को किया सील
  • कानून तोड़ने वालों की तुरंत गिरफ्तार करने के आदेश

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-13 13:06 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक बार फिर किसान हजारों की संख्या में रोड पर उतर आए हैं। दो साल पहले भी किसानों ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन किया था। तब आंदोलनकारी किसानों ने दावा किया था कि आंदोलन के दौरान 700 से ज्यादा किसानों की मौत हो गई थी। 17 सितंबर 2020 से शुरु हुआ यह आंदोलन 11 दिसंबर 2021 में खत्म हुआ था। लेकिन अब लोकसभा चुनाव से पहले किसान अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को एक दिन के लिए ग्रामीण भारत बंद का आह्वान भी किया है। आईए जानते हैं उन मांगों के बारे में जिन्हें लेकर किसान दिल्ली कूच पर अमादा हैं।

क्या हैं किसानों की मांगे?

किसान संगठनों ने जिन मांगो को लेकर दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है उनमें से प्रमुख मांगे हैं,

  • फसलों की एमएसपी पर खरीद का गारंटी कानून बने
  • किसान और खेतिहर मजदूरों का कर्जा माफ हो और उन्हें पेंशन दी जाए
  • भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 फिर से लागू हो
  • किसान में आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवार वालों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए
  • मनरेगा के तहत प्रति वर्ष 200 दिनों के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाए, मजदूरी प्रतिदिन बढ़ाकर 700 रुपये की जाए
  • मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगे
  • लखीमपुर खीरी कांड में दोषियों को सजा मिले
  • नकली बीज, कीटनाशक और खाद बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ा कानून बनाया जाए
  • बिजली संशोधन विधेयक 2020 रद्द किया जाए
  • मसाले वाली फसलों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए
  • इसके साथ ही किसानों की यह मांग है कि सरकार ने किसानों को प्रदूषण कानून से मुक्त रखने का वादा किया था। लेकिन कोई वादा नहीं किया गया।
  • इसके साथ ही किसान संगठनों का कहना है कि सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों की कीमत तय की जाए। इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि सरकार का सबसे बड़ा वादा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक किसानों को फसल के सही दाम देने का था। लेकिन उसने अभी तक रिपोर्ट को लागू नहीं किया है।

बता दें कि, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में किसानों को उनकी फसल की लागत से डेढ़ गुना कीमत देने की सिफारिश की गई है।

किसानों का ट्रैक्टर मार्च शुरू

किसानों के ट्रैक्टर भी आंदोलन का हिस्सा बन गए हैं। एक प्रदर्शनकारी किसान ने एक्स पर लिखा ‘हमारी बात सुनी नहीं जा रही है। हम रास्ते में कोई ट्रैफिक जाम नहीं कर रहे। अनुशासन के साथ दिल्ली कूच किया जा रहा है। सरकार ने बॉर्डर सील कर दिए हैं। धर-पकड़ की जा रही है। बैरिकैड तोड़ने का हमें पूरा तजुर्बा है। हमारी सरकार से विनती है कि वह हमारी मांगो को पूरा करें’।

सिंघु और गाजीपुर सहित सारी सीमाओं को किया सील

किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को देखते हुए यूपी, हरियाणा और दिल्ली की पुलिस अलर्ट पर है। राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा कर दी गई है। आंदोलन को रोकने के लिए सिंघु और गाजीपुर सहित सभी सीमाओं को सील कर दिया है। रास्तों पर पुलिस और केंद्रीय बलों की टुकड़ियां तैनात हैं। किसानों को रोकने के लिए रास्तों में कटीले और नुकीले तार लगा दिए गए हैं। किसान आगे ना बढ़ पाए इसके लिए दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर आठ लेयर की दीवारें खड़ी की गई हैं। सभी सोशल की मीडिया गतिविधिों को मॉनिटर किया जा रहा है। कोई अराजकता न फैले इसके लिए लगभग 5 हजार सुरक्षा कर्मियों को भी तैनात किया गया है।

तुरंत गिरफ्तारी के आदेश

पूरी दिल्ली में 1 महीने तक धारा-144 लागू कर दी गई है। ट्रैक्टरों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। बंदूक, ज्वलनशील पदार्थ, ईंट, पत्थर, पेट्रोल और सोडा की बोतल एकत्रित करने पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है। एक महीने तक कोई भी लाउड स्पीकर के इस्तेमाल नहीं कर सकता। दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने बताया कि जो भी इन प्रतिबंधों का उल्लंघन करेगा उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा।

राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

राहुल गांधी ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, "दिन रात ‘झूठ की खेती’ करने वाले मोदी ने 10 वर्षों में किसानों को सिर्फ ठगा है। दो गुनी आमदनी का वादा कर मोदी ने अन्नदाताओं को एमएसपी के लिए भी तरसा डाला। महंगाई तले दबे किसानों को फसलों का सही दाम न मिलने के कारण उनके कर्ज़े 60% बढ़ गए - नतीजा, लगभग 30 किसानों ने रोज़ अपनी जान गंवाई। धोखा जिसकी यूएसपी हो, वो एमएसपी के नाम पर किसानों के साथ सिर्फ राजनीति कर सकता है, न्याय नहीं। किसानों की राह में कीलें बिछाने वाले भरोसे के लायक नहीं हैं, इनको दिल्ली से उखाड़ फेंको, किसान को न्याय और मुनाफा कांग्रेस देगी।"

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