रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह: कौन हैं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले प्रमुख पुजारी पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित ? छत्रपति शिवाजी महाराज से खास संबंध

  • रामलला की मूर्ति के बाद प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले पुरोहित का चयन
  • काशी के प्रसिद्ध पंडित लक्ष्मीकांत होंगे मुख्य पुजारी
  • मशहूर पंडित गागा भट्ट के हैं वंशज

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-15 20:35 GMT

डिजिटल डेस्क, अयोध्या। 22 जनवरी को अयोध्या के नवनिर्मित राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। ऐसे में इस ऐतिहासिक समारोह के लिए तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं। इस खास दिन के लिए देशभर के लोगों में उमंग और उत्साह है। इस बीच रामलला की मूर्ति के बाद उनकी प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले मुख्य पुजारी के नाम का चयन भी हो चुका है। इस शुभ कार्य का दायित्व पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित को सौंपा गया है। प्राण प्रतिष्ठा के समय उनके साथ चार और पुजारी मौजूद रहेंगे।

17वीं शताब्दी के मशहूर पंडित गागा भट्ट के हैं वंशज

राम मंदिर के मुख्य पुजारी के रुप में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित काशी के रहने वाले हैं। उनका परिवार कई पीढ़ियों से बाबा विश्वनाथ की नगरी में ही रह रहा है। मीडिया को दिए साक्षात्कार में उनके बेटे सुनील ने बताया कि बेटे सुनील दीक्षित ने बताया कि हम लोग मूल रुप से महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के जेऊर के रहने वाले हैं। वर्षों पहले हमारा परिवार वहां से काशी में आ कर बस गया। उन्होंने बताया कि उनके पूर्वजों ने नागपुर और नासिक रियासतों में भी धार्मिक अनुष्ठान कराए थे।

सुनील के मुताबिक 17वीं सदी के काफी प्रसिद्ध पंडितों में से एक गागा भट्ट उनके पूर्वज हैं। जिन्होंने साल 1674 मे छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्यअभिषेक में अध्यक्षता की थी और उनके ही हाथों से वह शुभ कार्य संपन्न हुआ था।

युजुर्वेद के विद्वान

पंडित लक्ष्मीकांत वाराणसी के मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य हैं। लक्ष्मीकांत की गिनती काशी के अच्छे विद्वानों में की जाती है। इसके अलावा लक्ष्मीकांत को पूजा पद्धति में भी काफी निपुण माना जाता है। वेद और अनुष्ठानों की दीक्षा उन्होंने अपने चाचा और काशी के प्रसिद्ध पुरोहित पं. गणेश दीक्षित भट्ट से ली थी।

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